मध्यप्रदेश में हिंसक प्रदर्शन, ग्वालियर में कर्फ्यू

Webdunia
सोमवार, 2 अप्रैल 2018 (12:38 IST)
भोपाल। अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति अधिनियम में बदलाव संबंधित उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देश के विरोध में सोमवार को कतिपय संगठनों के भारत बंद के दौरान मध्यप्रदेश के शहरों में मिलाजुला असर दिखाई दे रहा है। कहीं-कहीं हिंसा की खबरें भी आ रही हैं। प्रदेश के मुरैना और ग्वालियर जिले में गोलीबारी और आगजनी के साथ प्रदर्शन हिंसक हो गया। ग्वालियर में हिंसा के बाद चार थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। इंदौर में राजवाड़ा पर बड़ी संख्या में वाल्मीकि समाज के लोगों ने काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया और बाद में रैली के रूप में कमिश्नर कार्यालय पहुंचे वहां मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के नाम पर ज्ञापन दिया गया। 
 
मुरैना जिले में कई दुकानों में आगजनी और रेल यातायात प्रभावित होने की खबर है, वहीं ग्वालियर के मुरार उपनगर में प्रदर्शन हिंसक होने के बाद प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी है। ग्वालियर से मिली खबर के मुताबिक मुरार में हथियारों से लैस बंद समर्थकों ने दुकानें बंद कराने के लिए गोलीबारी की, जिसमें दो लोग घायल हो गए। इस दौरान अपनी दुकानें खोलने की कोशिश कर रहे व्यापारियों और बंद समर्थकों के बीच मारपीट भी हुई। हिंसा की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी।
 
ग्वालियर जिला मुख्यालय स्थित गोले का मंदिर क्षेत्र में प्रदर्शनकारियों के एक बस और कई वाहनों में आग लगाने की सूचना है। पुलिस प्रशासन बंद समर्थकों को खदेड़ने की कोशिश में जुटा है। यहां कलेक्टर ने शासकीय और अशासकीय विद्यालयों को निर्देश दिए हैं कि जब तक हड़ताल का माहौल शांत नहीं हो जाए तब तक बच्चों की छुट्टी नहीं करें।
 
मुरैना से मिली खबर के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने कई दुकानों में आग लगा दी और प्रदर्शन के दौरान गोलीबारी करनी शुरू कर दी। स्थानीय रेलवे स्टेशन क्षेत्र के पास प्रदर्शनकारियों ने पथराव करते हुए रेलवे ट्रैक भी जाम कर दिया, जिससे रेल यातायात भी प्रभावित हुआ। पुलिस प्रशासन उपद्रवियों को बलपूर्वक खदेड़ते हुए रेल यातायात बहाल करने की कोशिश में है।
 
मुरैना में बंद विरोधी और बंद समर्थक कई संगठनों के आमने-सामने आने और दोनों के बीच पथराव की भी खबरें हैं, वहीं रेलवे ट्रैक पर पथराव के दौरान एक मीडियाकर्मी के भी घायल होने की खबर है। मुरैना से सटे भिंड जिला मुख्यालय से करीब सात किलोमीटर दूर मालनपुर में सुबह से ही बंद समर्थकों ने राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 92 पर जाम लगा दिया, इसके चलते दोनों ओर बहुत से वाहन फंस गए। मौके पर भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया है।
प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित रतलाम जिले में भी बंद समर्थक संगठनों ने जबरन बाजार बंद कराने की कोशिश की। इस दौरान कुछ फल व सब्जी वालों का सामान भी फेंक दिया गया। वहीं कुछ व्यवसायियों द्वारा इसका विरोध करने पर विवाद की घटनाएं भी हुईं। बंद के आह्वान के चलते सड़कों पर आवाजाही प्रभावित हुई है। कुछ स्थानों पर ऑटो चालकों और बंद समर्थकों के बीच मारपीट की भी सूचना है। 
 
सागर से मिली खबर के मुताबिक जिला मुख्यालय पर एक-दो स्थानों पर बंद समर्थकों द्वारा वाहनों में तोड़फोड़ की गई। एक स्थान पर प्रदर्शनकारियों ने शराब दुकान बंद कराते हुए वहां जमकर लूटपाट की। शहर के बाजार में एक स्थान पर दुकानें बंद कराने आए प्रदर्शनकारियों और दुकानदारों के बीच विवाद की स्थिति भी बन गई।
 
प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, जिसके बाद जिला मुख्यालय पर धारा 144 लागू कर दी गई, वहीं जबलपुर जिला मुख्यालय पर भी बंद समर्थकों ने शांतिपूर्वक रैली निकाली। जबलपुर में बंद का मिला-जुला असर दिखाई दिया। इंदौर में भी बंद समर्थकों की रैली के चलते शहर में कई स्थानों पर जाम की स्थिति रही। कई स्थानों पर लोगों को परेशान होना पड़ा।

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