पालघर (महाराष्ट्र)। महाराष्ट्र के पालघर में एक विशेष पॉक्सो अदालत ने साल 2017 में 10वीं कक्षा की छात्रा का यौन शोषण करने के जुर्म में एक आवासीय स्कूल के 41 वर्षीय अधीक्षक को 5 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डीएच केलुस्कर ने 18 मई को पारित आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष ने आरोपी पर लगाए गए सभी आरोपों को सिद्ध किया है। इस आदेश की प्रति शनिवार को उपलब्ध कराई गई।
अदालत ने यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो), भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) कानून के विभिन्न प्रावधानों के तहत स्कूल अधीक्षक को दोषी ठहराया तथा उस पर 2 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया।
दोषी पालघर जिले के दहाणु तालुक में एक सरकारी आवासीय स्कूल के अधीक्षक के तौर पर काम करता था।अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि घटना के वक्त पीड़िता की उम्र 16 वर्ष थी और वह अन्य छात्राओं के साथ स्कूल के छात्रावास में रहती थी।
अभियोजन के मुताबिक, 31 दिसंबर 2017 को आरोपी ने पीड़िता को उसके घर से फोन आने के बहाने से अपने कमरे में बुलाया और उसका यौन शोषण किया।
न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि अपराध की प्रकृति को देखते हुए स्कूल अधीक्षक अपराधियों की परिवीक्षा अधिनियम के तहत लाभ पाने का हकदार नहीं है।(भाषा)