ट्रस्ट के प्रवक्ता हरिदास गायवले ने कहा कि ट्रस्ट ने बैठक में निर्णय किया कि अब किसी भी तरह का भेदभाव नहीं होगा और मंदिर के सभी हिस्से सभी के लिए खुले रहेंगे। बंबई उच्च न्यायालय ने 1 अप्रैल को आदेश दिया था कि पूजास्थलों पर पूजा करना महिलाओं का मूल अधिकार है और सरकार का काम इसकी रक्षा करना करना है।