दास ने कहा, मैं नहीं जानता कि उसने (इंद्राणी) अपराध किया है या नहीं लेकिन अगर उसने ऐसा किया है, तो मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि उसे अधिकतम सख्त सजा मिलनी चाहिए। दास का दावा है कि वह 1998 से यहां रह रहे हैं।
दास ने कहा, वे जब भी कहें, मैं उनके साथ सहयोग करने को तैयार हूं। यह पूछे जाने पर शीना की हत्या के आरोप में 25 अगस्त को इंद्राणी की गिरफ्तारी के बाद से ही वह क्यों चुप रहे, उन्होंने कहा, मेरा एक परिवार है और मैं एक छोटा काम करता हूं। मुझे डर था कि इससे परेशानी हो सकती थी।
दास ने दावा किया कि वह और इंद्राणी उसके घर में साथ रहते थे और शीना का जन्म फरवरी, 1987 में तथा मिखाइल का अगले साल सितंबर में जन्म हुआ था। उन्होंने दावा किया कि इंद्राणी 1989 में उन्हें छोड़कर चली गई लेकिन कोई कारण नहीं बताया। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि वह उनकी स्थिति से संतुष्ट नहीं रही होगी।
यह पूछे जाने पर उन्होंने शीना और मिखाइल के पालन-पोषण की जिम्मेदारी क्यों नहीं ली, दास ने कहा, वे मेरे ससुराल में थे। वे लोग उन्हें अपने साथ रखना चाहते थे। मैं उनका ख्याल रखना चाहता था लेकिन मुझे मौका नहीं दिया गया। दास ने कहा कि उन्होंने शीना से उस समय बातचीत की थी, जब वह दसवीं कक्षा में थी।