मजिस्ट्रेट महेश एन नातू ने कहा, रिकॉर्ड और अभियोजन पक्ष के मामले के आधार पर दो मकसद हो सकते हैं... एक कारण सौतेले भाई (राहुल) और बहन (शीना) के बीच संबंध तथा एक अन्य कारण वित्तीय लेनदेन है। पीटर को इसी अदालत में रिमांड अवधि बढ़वाने के लिए पेश किया गया था।
मजिस्ट्रेट ने यह भी कहा कि इस सनसनीखेज हत्या मामले में आरोपी व्यक्तियों का आचरण महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अदालत ने अपने आदेश में कहा, यह गौर करना उचित है कि मां (मुख्य आरोपी इंद्राणी) द्वारा बेटी (शीना) की हत्या करने का आरोप है लेकिन करीब ढाई साल तक इस तथ्य का खुलासा नहीं किया गया।
अदालत ने कहा, यह एक आम आदमी का व्यवहार नहीं है, वह कहीं न कहीं टूट जाता है। अदालत ने कहा, यह अतिरिक्त जानकारी कि पिता (पीटर) ने बेटे (राहुल) को बताया कि मृतका जिंदा है और यह जानकारी भी उसकी हत्या के बाद दिया जाना उसकी कठोर मानसिकता को दिखाता है। अदालत ने सोमवार को पीटर की सीबीआई हिरासत 26 नवंबर तक के लिए बढ़ा दी थी।