शिवसेना ने इन राजनीतिक घटनाक्रमों पर प्रतिक्रिया देते हुए युवा नेताओं की आकांक्षाओं की अनदेखी के लिए कांग्रेस की आलोचना की और कहा कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह भले ही मध्यप्रदेश कांग्रेस के 'मंझे हुए'नेता हों, लेकिन सिंधिया जैसे नेता को पूरी तरह से दरकिनार करना जरूरी नहीं था।