शिवपाल ने यहां आयोजित मोर्चा के एक कार्यक्रम में कहा, हमारी पार्टी का रजिस्ट्रेशन हो गया है। अब हमारी पार्टी का नाम 'प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया' होगा। जसवंतनगर सीट से अब भी सपा के विधायक शिवपाल ने सपा से अलग होने के कारणों का जिक्र करते हुए किसी का नाम लिए बगैर कहा कि वह हमेशा सपा में एकजुटता चाहते थे, लेकिन कुछ चुगलखोरों और चापलूसों की वजह से उन्हें मजबूरन पार्टी से किनारा करना पड़ा।
उन्होंने कहा, हम तो हमेशा से परिवार और पार्टी में एकता चाहते थे। हमने लम्बे समय तक इंतजार किया, लेकिन ना तो मुझे और ना ही नेताजी (सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव) को उचित सम्मान मिला। हमें तो धकेलकर निकाल दिया गया।
शिवपाल ने अपने समर्थकों से कहा, मैं आप सबसे कहता हूं कि चापलूसी न करें। अगर कहीं कुछ गलत हो रहा है तो उसके बारे में बताने के लिए आप स्वतंत्र हैं। मैं अपनी पार्टी को यह आजादी दूंगा। मालूम हो कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सपा अध्यक्ष बनने के बाद हाशिए पर पहुंचे शिवपाल ने उपेक्षा से नाराज होकर पिछली 29 अगस्त को समाजवादी सेक्यूलर मोर्चे का गठन किया था। उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों पर प्रत्याशी उतारने का ऐलान किया था।
लखनऊ छावनी विधानसभा क्षेत्र से सपा के टिकट पर पिछला चुनाव लड़ चुकीं मुलायम की छोटी बहू अपर्णा यादव ने पिछले दिनों शिवपाल के साथ मंच साझा करते हुए कहा था कि वह चाचा के साथ हैं। व्यापक जनसमर्थन मिलने का दावा करने वाले शिवपाल ने कहा कि केन्द्र और उत्तर प्रदेश, दोनों ही जगह जनविरोधी सरकार है। उनकी गलत नीतियों और फैसलों से जनता परेशान है।
नोटबंदी और जीएसटी ने व्यापारियों के साथ-साथ पूरी अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने जनता से किए गए वादे पूरे नहीं किए हैं। अवाम उसे चुनाव में जवाब देगी। कार्यक्रम में पूर्व मंत्री शारदा प्रताप शुक्ला ने शिवपाल का स्वागत करते हुए कहा कि उनकी पार्टी आने वाले समय में उत्तर प्रदेश में बड़ी सियासी ताकत बनेगी। (भाषा)