विदर्भ समर्थक नेता और कार्यकर्ता यहां बजाज नगर चौक के एक निजी रिसॉर्ट में जमा हुए और महाराष्ट्र में 1 मई 1960 के विदर्भ, मध्य प्रांत (सेंट्रल प्रोविंस) और बेरार के विलय के खिलाफ विरोध के प्रतीक के रूप में विशेष रूप से तैयार बहुरंगा झंडा फहराया। इन लोगों ने विदर्भ समर्थक नारे भी लगाए। विदर्भ के 24 विभिन्न स्थानों पर इसी तरह के झंडे फहराए गए।
अणे ने कहा कि हमें किसी राजनीतिक पार्टी या समूह से डर नहीं है, जो विदर्भ राज्य के निर्माण का विरोध कर रहे हैं। हमारा संघर्ष जारी रहेगा और दिसंबर में (महाराष्ट्र की) दूसरी राजधानी में यहां राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत पर पहले दिन से और भी तेजी पकड़ेगा।
उन्होंने कहा कि दिसंबर तक हम महाराष्ट्र से विदर्भ को अलग करने के लिए आंदोलन की रणनीति बना रहे हैं। इस कार्यक्रम में शेतकरी संघटना, विदर्भ इकोनोमिक्स डेवलपमेंट काउंसिल, विदर्भ विकास आघाड़ी जैसे विदर्भ का समर्थन करने वाले प्रमुख संगठनों के सदस्य शामिल हुए।
3 बार विधायक रहे शेतकरी संघटना नेता वामनराव चताप, दलित नेता सुलेखा कुंभारे, पुलिस के पूर्व महानिदेशक प्रबीर चक्रवर्ती, पूर्व आयकर मुख्य आयुक्त बी. धार्मिक, जनमंच अध्यक्ष अनिल किलोर शामिल हुए। (भाषा)