असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के बुलेटिन के अनुसार सोमवार को 5 और लोगों की जान चले जाने के साथ ही राज्य में बाढ़ से जुड़े हादसों में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 134 हो गई जबकि 1 व्यक्ति लापता है। कोपिली और बराक को छोड़कर ज्यादातर नदियों में जलस्तर घट रहा है। नगांव और बराक घाटी में कोपिली एवं बराक नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए बैजली जिले के कुवारा में तटबंध में टूट वाली जगह का दौरा किया। उन्होंने ट्वीट किया कि कालदिया नदी के पानी से उत्पन्न बाढ की स्थिति तथा उससे हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगी रंजीत कुमार दास के साथ बैजली के पताचारकुची में कुवारा का दौरा किया। मुख्यमंत्री ने प्रभावित लोगों से बातचीत की और उन्हें हर तरह की मदद का आश्वासन दिया।
सिलचर में 1 सप्ताह से अधिक समय से पानी भरा हुआ है। जिन लोगों तक पहुंचना मुश्किल है, उन तक खाद्य सामग्री पहुंचाने के लिए हेलीकॉप्टर की मदद ली जा रही है। कछार की उपायुक्त कीर्ति जल्ली ने बताया कि प्राधिकरण ने दूध पाटिल, चामरा गुडाम, सिलचर रेलवे स्टेशन जैसे क्षेत्रों में नुकसान का आकलन करने के लिए ड्रोन से सर्वेक्षण शुरू किया है।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन सिलचर नगर निगम एवं अन्य के साथ मिलकर शहर से कचरा हटाने में लगा है लेकिन लोग अपने घरों एवं दुकानों को साफ कर गंदगी सड़कों पर डाल रहे हैं। जल्ली ने लोगों से बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए घर का कूड़ा-कचरा सड़कों पर नहीं फेंकने का आह्वान किया। शहर के 28 वार्डों में चिकित्साकर्मी तैनात किए गए हैं। प्रभावित लोगों को पानी के पैकेट और पानी साफ करने वाली गोलियां दी गई हैं और 2 राहत शिविरों में अस्थायीशौचालय बनाए गए हैं। बेतकुंडी में टूट गए बांध की मरम्मत का कार्य चल रहा है।
मुख्य सचिव जिष्णु बरूआ ने संचार की बहाली का जायजा लेने के लिए बराक घाटी के 3 बाढ़ प्रभावित जिलों एवं दीमा हसाओ के उपायुक्तों के साथ डिजिटल बैठक की। उन्होंने कहा कि कछार जिले में सभी पुनर्वास अनुदान का आकलन 10 जुलाई तक कर लिया जाए। प्राधिकरण के अनुसार इस बीच राज्य में 61 राजस्व सर्कल के 2,254 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं तथा 1,91,194 लोग 538 राहत शिविरों में ठहरे हुए हैं।(भाषा)(फ़ाइल चित्र)