प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता और 'अनाथ बच्चों की मां' के तौर पर पहचानी जाने वाली सिंधुताई सपकाळ का मंगलवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे 75 वर्ष की थीं। सपकाळ को महानुभाव संप्रदाय की परंपराओं के अनुरूप ठोसर पगा कब्रिस्तान में दफनाया गया। विभिन्न क्षेत्रों की कई गणमान्य हस्तियों, पुणे जिला प्रशासन तथा पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों सहित बड़ी संख्या में लोगों ने सपकाळ को अंतिम विदाई दी।
सपकाळ काफी गरीबी में पली-बढ़ीं और कई परेशानियों का उन्हें सामना करना पड़ा था। उन्होंने अपने जीवन में कई अनाथ बच्चों के लिए कई संस्थानों की स्थापना की। उन्होंने 1,050 से अधिक अनाथ बच्चों की परवरिश की। सपकाळ को पिछले साल पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें 750 से अधिक अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था।