जम्मू। आतंकियों द्वारा सोशल मीडिया का सहारा लेकर संगठन में स्थानीय युवकों की भर्ती कर कश्मीर को दहलाने की साजिश रची जा रही है, हालांकि सुरक्षाधिकारियों ने पूरी कश्मीर वादी में हाई अलर्ट जारी करते हुए चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबलों की तैनाती की कवायद को तेज किया है और साथ ही सोशल मीडिया पर नकेल कसनी आरंभ की है पर बावजूद इसके प्रशासन इसको लेकर डरा हुआ है कि आतंकी चुनावों से पहले कश्मीर में कुछ बड़ा अंजाम दे सकते हैं।
अगर अधिकारियों की मानें तो आतंकी श्रीनगर में बड़ी वारदात दोहराने की फिराक में हैं। इसे देखते हुए सभी सुरक्षा एजेंसियों के लिए हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। श्रीनगर के साथ वादी के सभी इलाकों में सुरक्षा बढ़ाते हुए किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए क्विक रिएक्शन टीमों को भी तैनात कर दिया गया है। हालांकि उच्चाधिकारी आतंकी साजिश के बारे में पूरी तरह चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन श्रीनगर के भीतर और साथ सटे कुछ इलाकों के अलावा अवंतीपोरा, पांपोर, बिजबिहाड़ा, नारबल व गंदरबल में बीते चार दिनों से बड़े पैमाने पर जारी तलाशी अभियान कुछ और ही कहानी बयां कर रहा है।
सूत्रों के अनुसार, श्रीनगर के रैनावारी, जांपाकदल, बटमालू के अलावा हारवन व जेवन में संदिग्ध आतंकी देखे गए हैं। माना जा रहा है कि यही संदिग्ध आतंकी लश्कर और हिज्ब के उस दस्ते के सदस्य हैं, जिन्हें अगले कुछ दिनों विशेषकर श्रीनगर व अनंतनाग संसदीय सीटों के उपचुनाव के दौरान किसी बड़े हमले का जिम्मा सौंपा गया है। आतंकी डल किनारे स्थित हीमाल होटल, कड़ी सुरक्षा व्यवस्था वाले गुपकार रोड पर स्थित हैरीटेज होटल या फिर निशात के पास करालसंगरी इलाके में पंचतारा होटल के अलावा नागरिक सचिवालय के आसपास हमला करने की फिराक में हैं। शहर में हमले का मौका तलाश रहे आतंकी संगठनों ने अपने एक अन्य दस्ते को पांपोर-पंथाचौक-बेमिना बायपास मार्ग पर भी सुरक्षाबलों को निशाना बनाने का तथाकथित टारगेट दे रखा है।
यह भी सच है कि कश्मीर में हिंसा भड़काने और आतंकी संगठनों में स्थानीय युवकों की ऑनलाइन भर्ती में सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर कड़ा संज्ञान लेते हुए प्रशासन ने वादी में 10 हजार से ज्यादा फेसबुक एकाउंट और 300 से अधिक वाट्सएप ग्रुप बंद करा दिए हैं। अधिकारियों के अनुसार, आतंकी सोशल मीडिया का सहारा लेकर कश्मीर में बड़ा हमला करने की फिराक में हैं।
इसके साथ तीन दर्जन से ज्यादा लोगों को सोशल मीडिया पर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का प्रचार-प्रसार करने के आरोप में हिरासत में लिया गया है। कश्मीर घाटी में शरारती तत्व काफी समय से मुठभेड़ में फंसे आतंकियों की मदद के लिए पत्थरबाजों को भड़काने व जिहादी प्रचार के लिए सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं। कई फेसबुक पेज और वाट्सएप ग्रुप सरहद पार से संचालित हो रहे हैं।
राज्य पुलिस ने सोशल मीडिया का राष्ट्रविरोधी तत्वों द्वारा बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करने पर पिछले दिनों एक बार फिर अपने साइबर सेल को सक्रिय कर दिया था। सेल ने युवाओं को आतंकी बनने के लिए उकसाने वाली साइटें और फेसबुक पेज भी चिन्हित किए। इनका पता लगाने के बाद उन्हें संबंधित संस्थानों के संज्ञान में लाकर बंद कराया गया।
पुलिस महानिदेशक डॉ. एसपी वैद ने कहा कि सोशल मीडिया के जरिए ही कश्मीर में बीते कुछ दिनों से हालात बिगाड़ने का सबसे ज्यादा प्रयास हुआ है। इसके जरिए ही आतंकी संगठनों के लिए जमीन तैयार की जा रही थी। इसलिए हमने कई फेसबुक पेज व वाट्सएप ग्रुप बंद कराए हैं। कई वाट्सएप ग्रुप सरहद पार बैठे लोगों के साथ जुड़े थे। कई ग्रुप में सदस्यों की संख्या 250 से ज्यादा है।
उन्होंने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि कई जगह मुठभेड़ स्थलों पर सुरक्षाबलों के खिलाफ पथराव के निर्देश इन्हीं वाट्सएप ग्रुप में शामिल आतंकियों के हैंडलरों ने जारी किए और लोगों को मुठभेड़ स्थलों की स्थिति बताई। राज्य पुलिस के साइबर सेल के एक अधिकारी ने बताया कि अभी भी दर्जनों ऐसे फेसबुक पेज हैं, जो देश के खिलाफ काम कर रहे हैं।