उन्होंने कहा कि प्रदेश का किसान, गरीब, नौजवान सब भाजपा को सत्ता में लाकर अब पछता रहे हैं। भाजपा का मूल चरित्र वस्तुतः पूंजी परस्ती का है। इसलिए इसने गांव-किसान की उपेक्षा करना ही अपना राजधर्म स्वीकार किया हुआ है। किसानों की कर्ज माफी के नाम पर लघु-सीमांत किसानों को ही भूल-भुलैया में फंसा दिया है।