पेंटर की बेटी है जुझारू एसपी संगीता कालिया

शनिवार, 28 नवंबर 2015 (19:23 IST)
- अनुपमा जैन
 
चंडीगढ़। एक मंत्री के आगे सच पर टिके रहकर उसके आगे नहीं झुकने को लेकर पूरे देश में रातोंरात चर्चित, हरियाणा की पुलिस अधिकारी संगीता कालिया के पिता पुलिस विभाग में ही पेंटर थे और वे आज उसी कार्यालय की सर्वोच्च पुलिस अधिकारी हैं, जहां उनके पिता कभी पेंटर थे।
 
इसी पुलिस कार्यालय में पिता द्वारा रंगी-पोती गई एक दीवार संगीता अपने लिए सबसे गौरवपूर्ण प्रेरणा मानती हैं। संगीता के पिता धर्मपाल 2010 में पुलिस की नौकरी से रिटायर हो गए थे। संगीता उसी साल आईपीएस बनी थीं। उन्होंने दिलेर, प्रतिभाशाली और संवेदनशील अपनी बेटी संगीता को शुरू से ही पुलिस अधिकारी बनने के लिए प्रेरित किया, उनका सपना था कि संगीता एक दिन इसी जिले में पुलिस अधीक्षक बने, संगीता आज इसी जिले की पुलिस अधीक्षक हैं।
 
2009 बैच की आईपीएस अधिकारी संगीता का किशोर मन पिता की इस सीख से प्रेरित हुआ कि पुलिस की ताकत समाज में सकारात्मक बदलाव में सक्षम है, लगभग दो दशक पूर्व और एक महिला पुलिस अधिकारी के हौसले की उड़ान पर बने टीवी सीरियल 'उड़ान' में कविता चौधरी द्वारा निभाए गए एक युवा साहसी महिला पुलिस अधिकारी के किरदार, जो व्यवस्था से टक्कर लेकर समाज में बदलाव लेकर निरंतर संघर्षरत रही, से प्रेरणा लेने वाली संगीता शुरू से ही पुलिस की नौकरी से प्रभावित रही हैं। वे समाजसेवा से भी जुड़ी रही हैं।
 
दरअसल मंत्रीजी और महिला एसपी के बीच टकराव तब हुआ जब हरियाणा के स्वास्थ्य एवं खेलमंत्री अनिल विज फतेहाबाद में जन शिकायत निवारण समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने फतेहाबाद की पुलिस अधीक्षक संगीता कालिया से पूछा था कि पंजाब की सीमा से लगे इलाकों में शराब की तस्करी रोकने के लिए पुलिस क्या कर रही है? अफसर के जवाब से वे संतुष्ट नहीं दिखे।
 
संगीता ने मंत्री को जवाब दिया था, 'हम कार्रवाई कर रहे हैं। हमने ढाई हजार मामले दर्ज किए हैं। इनमें से कई लोग जमानत पर बाहर आ गए और फिर से तस्करी में लग गए हैं, शराब की दुकानों के लाइसेंस तो सरकार ही देती है, अलबत्ता हम उसे रोकने की कोशिश कर रहे हैं।
 
लेकिन विज पुलिस अफसर से इस बात पर बहस करते रहे और पूछते रहे कि वे और कार्रवाई क्यों नहीं कर रही हैं। उनकी बात से यह लग रहा था कि कार्रवाई नहीं किए जाने की जिम्मेदार महिला एसपी हैं। संगीता ने इस पर आपत्ति जताई तो विज ने उनसे बैठक से निकल जाने को कहा। उन्होंने अफसर से कहा, 'गेट आउट'। पुलिस अफसर ने बैठक से बाहर जाने से मना कर दिया और कहा, 'मैं नहीं जाऊंगी। आप इस तरह से मेरा अपमान नहीं कर सकते। और खुद विज को झुंझलाकर बैठक से जाना पड़ा।'
 
प्राप्त खबरों के अनुसार, उपायुक्त एनके सोलंकी और जिले के अन्य अफसर बैठक में मौजूद थे, लेकिन किसी ने हस्तक्षेप नहीं किया। विज ने नाराजगी में बैठक छोड़ दी और बाद में कहा कि जब तक महिला अफसर (संगीता) तैनात है, वे फतेहाबाद नहीं आएंगे।
 
बाद में मंत्रीजी ने मीडिया से कहा कि मैं मुख्यमंत्री से इसकी शिकायत करूंगा। मैंने दो-तीन बार मामला उठाया, लेकिन उनका रवैया बहुत लापरवाह था। संगीता की स्कूली शिक्षा और ग्रेजुएशन भिवानी में हुई, बाद में उन्‍होंने अर्थशास्त्र में एमए किया, वे तीसरी बार आईपीएस में पास हुईं। उससे पहले वे रेलवे की अखिल भारतीय सेवा में उतीर्ण हुईं, लेकिन उनका ध्यान पुलिस अधिकारी बनने पर था और वह नौकरी उन्‍होंने ज्‍वाइन नहीं की और आखिरकार उन्‍होंने पुलिस अधिकारी बनने का अपना सपना सच कर ही लिया। (वीएनआई)

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