दरअसल, अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के नेतृत्व में तीर्थयात्रियों के एक दल को ननकाना साहिब नरसंहार के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर पर 18 से 25 फरवरी तक पाकिस्तान की यात्रा करनी थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पाकिस्तान के गुरुद्वारों में जाने की इच्छा रखने वाले 600 सिखों को वहां सुरक्षा व्यवस्था और कोविड-19 के हालात का हवाला देते हुए जाने की अनुमति देने से इंकार कर दिया था। सुखबीर सिंह ने ट्वीट करके केंद्र सरकार से स्पष्ट करने को कहा कि यात्रा के ठीक 1 दिन पहले उसने जत्थे को अनुमति देने से इंकार क्यों किया? (भाषा)