पंढरपुर में सुलभ इंटरनेशनल ने रचा इतिहास

मुंबई/ पुणे। भगवान विट्ठल के नगर महाराष्ट्र के पंढरपुर में स्वच्छता और शौचालय अभियान की दिशा में जानी-मानी संस्था सुलभ इंटरनेशनल संगठन ने नया रिकॉर्ड बना लिया है। भगवान विट्ठल का मेला शुरू होने से ठीक पहले सुलभ इंटरनेशनल ने एकसाथ 1,487 शौचालय बनाकर समर्पित किया है।
 
दुनिया में संभवत: ये दूसरी जगह है, जहां एकसाथ इतने सारे शौचालय बनाए गए हैं। पंढरपुर प्रशासन और महाराष्ट्र सरकार की पहल पर यहां 2,858 शौचालय बनाए जा रहे हैं जिनमें से 1,487 को गत दिनों जनता को सौंपा गया। इस मौके पर सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस संगठन के संस्थापक डॉक्टर बिंदेश्वर पाठक ने राज्य सरकारों से अपील की कि वे ऐसे हर शहर में शौचालय स्थापित करने के लिए आगे आएं, जहां लोगों की भारी भीड़ जुटती है।
 
डॉक्टर पाठक के मुताबिक तैयार होने के बाद इन शौचालयों का इस्तेमाल रोजाना करीब 3 लाख लोग कर सकेंगे। इनमें कई शौचालय खासतौर पर दिव्यांगों के लिए भी बनाए गए हैं जिनकी वजह से अब दिव्यांगों को कोई परेशानी नहीं होगी।
 
गौरतलब है कि पंढरपुर के मेले के दौरान शहर के आसपास गंदगी का साम्राज्य बन जाता है। सुलभ इंटरनेशनल द्वारा तैयार इन शौचालयों के चलते अब मेले के दौरान साफ-सफाई रहेगी।
 
डॉक्टर बिंदेश्वर पाठक ने कहा कि मेले के दौरान सुलभ सोशल सर्विस संगठन खुद प्रचार करके इन शौचालयों के इस्तेमाल के लिए जनता से अपील करेगा। इस दौरान डॉक्टर पाठक ने पंढरपुर के विख्यात विट्ठल मंदिर के शौचालयों की बिना किसी फीस लिए देखभाल और रखरखाव के साथ ही साफ-सफाई का प्रस्ताव भी मंदिर प्रशासन को दिया। 
 
डॉक्टर पाठक ने कहा कि वे स्वच्छता अभियान के प्रेरक महात्मा गांधी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अभियान के बीच सेतु का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने स्वच्छता को लेकर जो अभियान छेड़ा है, उसकी वजह से जागृति आई है। इसके चलते अब गांव-गांव तक में शौचालय को लेकर जागरूकता फैल रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2019 तक देश को खुले में शौच से मुक्ति का अभियान छेड़ रखा है।
 
डॉक्टर पाठक ने लोगों से की अपील की कि प्रधानमंत्री की मंशा के मुताबिक देश को खुले में शौचमुक्त बनाने के लिए लोगों को खुद भी आगे आना होगा। डॉक्टर पाठक ने कहा कि शौचालय अभियान को पूरा करने के लिए लोगों को सिर्फ सरकारों पर ही निर्भर नहीं रहना होगा। 
 
डॉक्टर पाठक ने कहा कि देश में शौचालय क्रांति लाने के लिए बुद्धिजीवियों का एक समूह काम कर रहा है। देश में टॉयलेट कानून बनाने के लिए देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एमएन वेंकटचलैया की अगुआई में करीब एक सौ बुद्धिजीवियों, कानूनविदों और वकीलों का समूह बैठक करने जा रहा है। इस बैठक में देश में शौचालय कानून बनाने की मांग की जाएगी और इस कानून का मसविदा तैयार किया जाएगा।
 
गौरतलब है कि सुलभ इंटरनेशनल संगठन शौचालय और स्वच्छता के प्रति अभियान चलाने वाला देश का अग्रणी संस्थान है। सुलभ ने देशभर में करीब 8, 500 शौचालय बना रखे हैं और उनका संचालन कर रहा है। इसके साथ ही सुलभ ने करीब 15 लाख परिवारों के लिए भी शौचालय बनाए हैं जिनका रोजाना करीब डेढ़ करोड़ लोग इस्तेमाल कर रहे हैं।
 
इसके साथ ही सुलभ ने वृंदावन, वाराणसी और उत्तराखंड की करीब 2, 000 विधवाओं का पुनर्वास किया है और उनकी देखभाल कर रहा है। सिर पर मैला ढोने की दुष्परंपरा के उन्मूलन में भी सुलभ ने बड़ी और महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सुलभ ने सिर पर मैला ढोने वाले समाज के सैकड़ों लोगों का न सिर्फ पुनर्वास किया है, बल्कि मुख्य धारा में उन्हें लाने को लेकर भी काम कर रहा है।

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