अदालत ने कहा था, ‘इस अदालत के सामने शुरू हुई कार्यवाही दोषसिद्धि के आदेश के खिलाफ गुणदोष के आधार वाली अपील की प्रकृति वाली नहीं हैं।’ अदालत ने कहा, ‘याचिका में वर्तमान मामले में मौत की सजा पर अमल की संवैधानिकता पर इस आधार पर सवाल उठाया गया है कि दया याचिकाएं निबटाने में संवैधानिक प्राधिकारों की तरफ पर देरी हुई है।’