Uproar over Swami Punyanand's indecent Remarks : कथावाचक पुण्यानंद महाराज ने 'खच्चर' से ब्राह्मणों की तुलना कर दी, जिसके बाद ब्राह्मण समाज में रोष पनप गया है। ब्राह्मण समाज ने स्वामी पुण्यानंद के बैरागी कैंप क्षेत्र के आश्रम को घेरते हुए उसका दरवाजा तोड़ दिया और जमकर नारेबाजी की। गुस्साए ब्राह्मण समाज के लोगों ने पुण्यानंद महाराज के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उनके सामाजिक बहिष्कार की घोषणा कर दी।
भीड़ के आक्रोश को देखकर कनखल पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को शांत कराया। ब्राह्मण समाज ने पुलिस को लिखित शिकायत देकर कठोर कार्रवाई की मांग की है। स्वामी पुण्यानंद अपनी एक कथा के दौरान भक्तों को पूजा का तरीका समझा रहे थे, इसी दौरान उन्होंने कहा कि पूजा खुद करना, न कि 'भाड़े का टट्टू' यानी पंडित से कराना।
उन्होंने कहा कि टट्टू को 'खच्चर' भी कहते हैं। खच्चर घोड़े और गधे के संयोग से उत्पन्न होता है, इनकी आगे संतान नहीं होती। 'खच्चर' की विशेषता यह है कि यह शरीर से बलिष्ठ होता है, लेकिन टट्टू के मालिक को आधा काम खुद करना पड़ता है। इस पर सामान भी खुद रखना होगा, मुंह में लगाम भी खुद देनी होगी और गंतव्य तक डंडे के बल पर ले जाकर सामान भी खुद उतारना पड़ेगा। स्वामी पुण्यानंद महाराज का यह वीडियो जैसे ही वायरल हुआ और लोगों ने उसे देखा तो भड़क गए।
हरिद्वार जिले के बड़ी संख्या में ब्राह्मण समाज के लोग संत पुण्यानंद के बैरागी कैंप आश्रम पर पहुंचे और हंगामा करते हुए संत के पुतले का दहन किया। संत के द्वारा ब्राह्मण को 'खच्चर' कहने पर पंडित वर्ग तमतमा गया और उन्होंने ऐलान कर दिया कि यदि स्वामी पुण्यानंद हरिद्वार आएंगे तो उनका मुंह काला करके शहर में घूमाया जाएगा। इस दौरान पुलिस पूरी तरह मुस्तैद रही और उन्होंने युवाओं को आश्रम में जाने से रोका।
पुलिस-प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सख्त कार्रवाई करें अन्यथा वह अपनी लड़ाई के लिए न्यायालय की शरण लेंगे। फिलहाल पंडित समाज आक्रोशित है, जिसके चलते बैरागी कैंप आश्रम की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
Edited By : Chetan Gour