अधिकारियों ने कहा कि गोलियों की आवाज सुनकर सिंह के घर पर तैनात दो पुलिसकर्मी बाहर आए और उन्हें खून से लथपथ पाया। उन्होंने बताया कि सिंह (55) को एक गोली सिर में और दो गोलियां सीने में मारी गई थीं। घायल सिंह को श्रीनगर के एक अस्पताल में ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई।
अधिकारियों को संदेह है कि हमले में लश्कर-ए-तैयबा का एक नया गुर्गा शामिल था।
कुलगाम और शोपियां जिलों में राजपूत परिवारों की छोटी-छोटी बस्तियां हैं। इन्होंने जम्मू-कश्मीर नहीं छोड़ा है। राजपूत परिवार मुख्य रूप से सेब का कारोबार करते हैं। पिछले 10 दिन में आतंकवादियों ने दक्षिण कश्मीर में आम लोगों पर हमले तेज कर दिए हैं।
पिछले हफ्ते पुलवामा में दो अलग-अलग हमलों में चार मजदूर घायल हो गए थे, जबकि शोपियां में आतंकवादियों ने एक कश्मीरी पंडित दुकानदार को गोली मारकर घायल कर दिया था। बुधवार को उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के वीरां गांव में एक 'धमकीभरा' पत्र प्रसारित किया गया था।
'लश्कर-ए-इस्लामी' नाम के एक अज्ञात समूह ने उस गांव के निवासियों को धमकी दी थी, जहां कश्मीरी पंडितों का एक समूह रहता है। पुलिस ने कहा कि हमें मामले की सूचना दी गई है। हमने संज्ञान लेते हुए जांच शुरू की है। हम पत्र की विश्वसनीयता और प्रामाणिकता की जांच कर रहे हैं।
पुलिस ने कहा, 'आतंकवादी संगठन अस्तित्वहीन लगता है, लिहाजा धमकी व्यवहार्य नहीं लगती। पत्र पर हस्ताक्षर नहीं हैं। हालांकि, एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं।' पुलिस ने कहा कि शांति भंग करने के लिए इस तरह की धमकी देने वाले बदमाशों को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा और उनसे सख्ती से निपटा जाएगा।