मेरठ में युवती की गला काटकर हत्या, जंगल में मिला शव, पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन, परिजनों ने लगाया गैंगरेप का आरोप
सरधना थाने के बाहर एक किशोरी का शव रखकर ग्रामीणों का हंगामा चल रहा है। मृतका के परिजनों का आरोप है कि उनकी बेटी का 21 जुलाई को अपहरण करके गैंगरेप किया और उसके बाद पहचान मिटाने के लिए चेहरे पर ज्वलनशील पदार्थ डालते हुए गर्दन पर वार करके हत्या कर दी। परिजनों ने किशोरी के अपहरण की 3 दिन पहले थाने में नामजद रिपोर्ट दर्ज करवाई थी, लेकिन उनकी बेटी को पुलिस ढूंढ नही पाई।
पुलिस को 23 जुलाई में सरधना के जंगलों में एक लड़की का शव मिला, जिसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। परिजनों को जैसे ही पता चला कि किसी लड़की का शव मोर्चरी में रखा है वो वहां पहुंच गए। शव को देखकर उन्होंने पहचान अपनी बेटी के रूप में की है।
बीते रविवार को सरधना कुम्हारान गांव की रहने वाली 16 वर्षीय किशोरी घर से बाहर किसी काम के लिए आई थी। इसके बाद वापस नही लौटी। परिजनों ने ढूंढने के बाद मोहल्ले के हसीन, शाहरुख, इकरामुद्दीन और मोहसिन पर अपहरण का आरोप लगाते हुए नामजद थाने में तहरीर दी। तहरीर के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज करते हुए किशोरी को ढूंढने का प्रयास किया, लेकिन उसका कुछ पता नही चला। 23 जुलाई में पुलिस गश्ती के दौरान ईकड़ी के जंगल में एक लड़की का शव सड़ी-गली अवस्था में मिला। पुलिस ने अज्ञात में शव को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया। 24 जुलाई में कुम्हारान गांव से गायब किशोरी के परिजनों ने पोस्टमार्टम हाउस पहुंचकर शिनाख्त करते हुए उसे अपहरण की गई बेटी बताया।
परिजनों ने आरोप लगाया है कि अपहरण करने वाले ने किशोरी की गर्दन पर वार करते हुए उसकी पहचान छुपाने के लिए उसके चेहरे पर तेजाब डाल दिया। जैसे ही पोस्टमार्टम के बाद शव गांव में पहुंचा तो गुस्साए परिजन और ग्रामीणों ने शव थाने के बाद रखकर जाम लगा दिया। परिजनों की मांग है कि बेटी के हत्यारों को तत्काल प्रभाव से गिरफ्तार किया जाए और सरधना में एसएसपी आएं, तभी जाम खोला जाएगा।
इस पूरे मामले पर एसपी देहात कमलेश बहादुर का कहना है कि इसमें अपहरण के मामलों परिजनों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है, एक युवक को हिरासत में लेकर पूछताछ चल रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर धाराएं बढ़ाते हुए कार्रवाई की जाएगी। पुलिस यह भी पता लगाने में जुटी है कि किशोरी को अगुवा करने वाले उसी मोहल्ले के हैं। क्या दोनों परिवारों का एक-दूसरे के घर आना-जाना था।