श्रीनगर। बर्फ के पिघलते ही पाकिस्तानी सेना ने घुसपैठियों को कश्मीर में धकेलने की कोशिशें तेज कर दी हैं। समाचार भिजवाए जाते समय तक सेना कुपवाड़ा सेक्टर के जंगलों में घुसपैठिए आतंकियों के एक बड़े दल से जूझ रही थी। इस दल में दर्जनभर आतंकी बताए जाते हैं जो अत्याधुनिक हथियारों से लैस हैं और उनके साथ सेना का ‘मिनी युद्ध’ समाचार भिजवाए जाते समय तक जारी था। हालांकि एक खबर के अनुसार, इन घुसपैठियों की घुसपैठ को आसान बनाने की खातिर पाक सेना कवर फायर भी दे रही थी पर इसकी रक्षाधिकारियों ने पुष्टि नहीं की है।
अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में आतंकियों के एक समूह ने घुसपैठ की है जिसके बाद इलाके में सेना का सर्च ऑपरेशन शुरू हो गया है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा इलाके में एलओसी पर आतंकियों के एक समूह ने घुसपैठ की। घुसपैठ की खबर मिलते ही सेना के 6 राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू कश्मीर पुलिस ने इलाके को घेर कर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया।
इलाका जंगल से घिरा हुआ है ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि आतंकी इन जंगलों में छुपे होंगे। हालांकि आतंकियों की संख्या कितनी है इस बात की जानकारी पुलिस अधिकारियों ने दी है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक 10-12 आतंकी घुसपैठ में शामिल हैं। एक खबर के मुताबिक, आतंकियों और सेना के बीच भीषण मुठभेड़ भी हो रही है।
गौरतलब है कि घाटी में अपने मंसूबों को अंजाम देने के लिए पीओके में बड़ी संख्या में आतंकी लांचिंग पैड पर तैयार बैठे हैं। शुक्रवार को रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने एलओसी का दौरा कर अधिकारियों को घुसपैठ रोकने के निर्देश दिए थे।
उल्लेखनीय है कि एलओसी के समीप बेहक के पास सेना और आतंकियों के बीच फायरिंग जारी है इसमें 10-12 आतंकी घेरे में है। मौके की गंभीरता को देखते हुए सेना द्वारा मुठभेड़ के दौरान स्पेशल फोर्स के कमांडो भी भेजे गए हैं।
इस बीच जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर बारूदी सुरंग विस्फोट में एक जवान घायल हो गया। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष मेहता ने बताया कि यह घटना शुक्रवार (19 मई) शाम पुंछ जिले के मेंढर सेक्टर में गश्त के दौरान हुई।
प्रवक्ता ने बताया कि हालांकि जवान ने बारूदी सुरंग विस्फोट से बचाने वाले जूते पहन रखे थे। जवान इलाज के लिए ऊधमपुर कमान अस्पताल ले जाया गया है। उल्लेखनीय है कि नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ रोकने के उद्देश्य से सेना कई संवेदनशील स्थानों पर बारूदी सुरंग लगाती है।