सरकारी अधिवक्ता ने बताया कि 30 अक्टूबर को एक अज्ञात व्यक्ति ने सत्र न्यायालय के रजिस्ट्रार कार्यालय में फोन किया और अदालत के कक्ष संख्या-26 में बम लगाने की धमकी दी। धमाके के मामले की सुनवाई करने वाली विशेष राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) अदालत दक्षिण मुंबई में दीवानी और सत्र न्यायालय परिसर के न्यायालय कक्ष संख्या 26 में बैठती है।
विस्फोट की साजिश में कथित संलिप्तता के लिए भाजपा की पूर्व सांसद प्रज्ञा ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित और 5 अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज है। विशेष न्यायाधीश एके लाहोटी द्वारा आरोपियों के अंतिम बयान दर्ज किए जाने के साथ ही यह मुकदमा अपने अंतिम चरण में है और आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) तथा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत आरोप लगाए गए हैं।