उन्होंने कहा कि परीक्षा की प्रकृति प्रतिस्पर्धी होती है और अनुपस्थित रहने वालों के लिए मानवीय आधार पर विचार नहीं किया जा सकता। नागेश ने एक सवाल पर कहा, अदालत ने जो भी कहा है, हम उसका पालन करेंगे। परीक्षा में अनुपस्थित रहना प्रमुख कारक होगा, कारण नहीं, चाहे वो हिजाब विवाद या तबीयत खराब या उपस्थित रहने में असमर्थता हो या परीक्षा के लिए पूरी तैयारी नहीं होने की वजह से हो।
अंतिम परीक्षा में अनुपस्थित रहने का मतलब है अनुपस्थित रहना और दोबारा परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी।मंत्री ने कहा कि केवल उन्हीं छात्रों को पूरक परीक्षा देने का अवसर दिया जाएगा, जो कि परीक्षा में पास नहीं हो सके।