आगरा सेंट्रल जेल के सामने पिछले कई दिनों से प्रार्थना के साथ ही जेल के थीम सांग की तैयारी भी चल रही थी। इस गूंज ने आज एक साकार रूप ले लिया। आगरा के 16 बंदी दिनेश कुमार गौड़, संजय कश्यप, यशपाल त्यागी, वीरेंद्र सिंह, अशोक कुमार, जुगनू, शकील अंसारी, सोनी, सुरेश ऐलानी, शेरपाल, मनोज, नेकपाल और विजय करीब 8 महीने से आगरा के थीम सांग पर काम कर रहे थे।
लेकिन इस बार वर्तिका के आग्रह पर आगरा के गाने को बंदियों ने ही लिखा है और यह तिनका श्रृंखला का एक बड़ा हिस्सा बनेगा। वर्तिका नंदा अलग-अलग जेल के गानों की श्रृंखला पर काम कर रही हैं और यह काम इसका एक प्रमुख हिस्सा होगा। अपराधों पर जागरूकता लाने के लिए वे भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से 2014 में 'स्त्री-शक्ति पुरस्कार' से सम्मानित हो चुकी हैं।
'तिनका-तिनका आगरा' के थीम सांग की अगली कड़ी इसी शीर्षक से आने वाली किताब होगी जिसमें बड़ी तादाद में बंदियों ने अपनी कविताएं लिखी हैं। इससे पहले आईं दोनों किताबें- 'तिनका-तिनका तिहाड़' और 'तिनका-तिनका डासना' नए कीर्तिमान स्थापित कर चुकी हैं। 'तिनका तिनका तिहाड़' का शुमार लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में हो चुका है जबकि 'तिनका डासना' का अंग्रेजी अनुवाद नुपूर तलवार ने किया है। 'तिनका-तिनका' श्रृंखला मानवाधिकार के मकसद से देश की अलग-अलग जेलों में साहित्य, सृजन और सुधार को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रही है।