TMC का आरोप, बंगाल सरकार के 'दुआरे सरकार' कार्यक्रम की सफलता भाजपा नेताओं को चुभ रही

बुधवार, 23 दिसंबर 2020 (22:39 IST)
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने राज्य सरकार के 'दुआरे सरकार' कार्यक्रम के सफल रहने का दावा करते हुए बुधवार को आरोप लगाया कि यह पहल भाजपा नेताओं को चुभ रही है। तृणमूल कांग्रेस महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा कि भाजपा का दुष्प्रचार अभियान राज्य में काम नहीं करेगा। 'दुआरे सरकार' (सरकार लोगों के दरवाजे तक) कार्यक्रम से 1 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ हुआ है। यह सफलता भाजपा नेताओं को चुभ रही है और उन्हें जलन हो रही है।
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तृणमूल कांग्रेस नेताओं के दल-बदल करने के मुद्दे पर चटर्जी ने कहा कि राज्य के लोगों का ममता (बनर्जी) पर काफी विश्वास है। जो लोग तृणमूल कांग्रेस छोड़कर चले गए, उन्हें लोगों से मुंहतोड़ जवाब मिलेगा। भाजपा का दुष्प्रचार अभियान यहां नहीं चलेगा। उल्लेखनीय है कि 19 दिसंबर को तृणमूल कांग्रेस को एक दिन में सबसे जोरदार झटका लगा था, क्योंकि शुभेंदु अधिकारी तथा 34 अन्य नेता (5 विधायकों और 1 सांसद सहित) भाजपा में शामिल हो गए थे।
 
इलेक्ट्रॉनिक उपकरण खरीदन के लिए छात्रों को धन अंतरण करने की राज्य सरकार की 1 योजना से 'कट मनी' (कमीशन) लिए जाने के भाजपा के आरोप के बारे में पूछे जाने पर चटर्जी ने कहा कि यदि धन सीधे छात्रों के बैंक खातों में अंतरण किया जा रहा है तो 'कट मनी' का मुद्दा कहां से पैदा हो रहा है? उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने घोषणा की है कि वह 'स्मार्टफोन' या इस तरह के अन्य उपकरण खरीदने के लिए सरकारी, सरकार से सहायता प्राप्त स्कूलों और मदरसों की 12वीं कक्षा के 9.5 लाख छात्रों के बैंक खाते में 10-10 हजार रुपए भेजेगी। इस कदम का उद्देश्य निर्बाध ऑनलाइन शिक्षा उपलब्ध कराना है।
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चटर्जी राज्य के शिक्षा मंत्री हैं। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस केंद्र के नए कृषि कानूनों का विरोध जारी रखेगी। उन्होंने इन कानूनों को वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि आज किसान दिवस है। हमारी नेता ममता बनर्जी केंद्र के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रही हैं जिन्हें फौरन वापस लिया जाना चाहिए। चटर्जी ने यह दावा भी किया कि राज्य सरकार की कृषक बंधु योजना से करीब 73 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं और 2011 से 2018 के बीच उनकी आय तिगुनी हो गई।
 
सरकार इस योजना के तहत राज्य के किसानों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराती है। राज्य सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से अधिक मूल्य पर किसानों से 49 लाख टन अनाज की खरीद की है। कृषि पर कर और 'म्यूटेशन फीस' को राज्य सरकार ने माफ कर दिया है। (भाषा)

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