स्थानीय पंचायत ने बताया कि एक स्थानीय प्राथमिक विद्यालय में रसोइया का काम करते हुए फूलकुमारी पर्याप्त धनराशि नहीं जुटा पाई, दूसरा खेतिहर मजदूर होने के कारण उसके पति की आय भी मामूली है। पंचायत ने बताया कि उसने जरूरी धनराशि जुटाने के वास्ते मंगलसूत्र गिरवी रखने के समय परिवार के पुरुष सदस्यों के विरोध का डटकर मुकाबला किया।
जिलाधिकारी ने बताया कि जिले में अन्य को प्रेरित करने के लिए इस महिला को संपूर्ण स्वच्छता कार्यक्रम का ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है। उन्होंने कहा, हम सुनिश्चित करेंगे कि यह शौचालय दस दिनों में बन जाए। (भाषा)