टॉपर्स घोटाले का सरगना पत्नी सहित उत्तरप्रदेश से गिरफ्तार

सोमवार, 20 जून 2016 (15:16 IST)
पटना। बिहार इंटरमीडिएट परीक्षा में टॉपर्स घोटाले के कथित मास्टरमाइंड बिहार विद्यालय परीक्षा बोर्ड (बीएसईबी) के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह और उनकी पत्नी एवं जदयू की पूर्व विधायक उषा सिन्हा को सोमवार को उत्तरप्रदेश के वाराणसी से गिरफ्तार किया गया।
पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मनु महाराज ने बताया कि लालकेश्वर सिंह और उनकी पत्नी उषा सिन्हा को वाराणसी से गिरफ्तार कर लिया गया है। 
 
टॉपर्स मेरिट घोटाले की जांच करने वाले विशेष जांच दल (एसआईटी) का नेतृत्व कर रहे एसएसपी ने बताया कि एसआईटी को दोनों के पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश के वाराणसी में एक मंदिर में छीपे होने के संबंध में गुप्त सूचना मिली थी जिसके बाद एसआईटी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया तथा इस संबंध में विस्तृत जानकारी बाद में दी जाएगी।
 
बिहार इंटरमीडिएट परीक्षा में अनियमितताओं के संबंध में पुलिस द्वारा लालकेश्वर सिंह और टॉपर्स घोटाले में सह आरोपी उनकी पत्नी उषा सिन्हा के खिलाफ पटना उच्च न्यायालय से गिरफ्तारी वारंट हासिल करने के बाद दोनों भूमिगत हो गए थे। लालकेश्वर सिंह की संपत्ति कुर्क करने के संबंध में एसआईटी के पास अदालत का आदेश थाजिसकी सोमवार को तामील की जाएगी।
 
हिलसा से जदयू की पूर्व विधायक और पटना में गंगादेवी कॉलेज से प्रधानाध्यापिका के पद से हटाई जा चुकीं उषा सिन्हा इस मामले में सह आरोपी हैं। मामले में भारी-भरकम पैसे के एवज में अयोग्य छात्रों को कथित रूप से डिग्री दी जाती थी। 
 
पुलिस ने बताया कि वैशाली स्थित बिशुन राय इंटरमीडिएट कॉलेज के सचिव सह प्रधानाध्यापक बच्चा राय पहले से ही पुलिस की गिरफ्त में हैं और उसी ने इस डिग्री रैकेट मामले के सरगना लालकेश्वर सिंह और उनकी पत्नी के बारे में सूचना दी थी। गौरतलब है कि कला और विज्ञान के टॉपर्स रूबी राय और सौरभ श्रेष्ठ इसी कॉलेज से आते हैं।
 
बच्चा राय को पिछले सप्ताह ही कॉलेज के बाहर से गिरफ्तार किया गया था और इसके बाद उसके कॉलेज और वैशाली स्थित घर पर की गई छापेमारी में इस संदिग्ध रैकेट से जुड़े कई साक्ष्यों का पता चला था। पुलिस ने हाल में उसके घर में भूसे के ढेर के नीचे छिपाकर रखा गया करीब 20 किलोग्राम से अधिक का सोना जब्त किया था।
 
भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया कि बच्चा राय राजद का सक्रिय कार्यकर्ता था और उसने तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव की क्रमश: वैशाली जिले में राघोपुर और महुआ सीट से जीत सुनिश्चित करने लिए लालू प्रसाद से भी ज्यादा काम किया था।
 
इस साल के कला और विज्ञान के संदिग्ध टॉपर्स के बारे में मीडिया में जानकारी उजागर होने के बाद इस मेरिट घोटाले का खुलासा हुआ। ये टॉपर्स अपने विषय से संबंधित मामूली सवालों का भी जवाब नहीं दे सके थे।
 
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश पर बीएसईबी और राज्य शिक्षा विभाग ने इंटरमीडिएट परीक्षा में हुई अनियमितताओं को लेकर एक समिति गठित की और रैकेट में शामिल लोगों के खिलाफ सीधी कार्रवाई के लिए पुलिस में मामला दर्ज किया गया। 
 
उषा सिन्हा को पटना में गंगादेवी महिला कॉलेज की प्रधानाध्यापिका के पद से हटा दिया गया और जदयू ने उषा सिन्हा की पार्टी की सदस्यता को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है।
 
पटना के आयुक्त आनंद किशोर को बिहार विद्यालय परीक्षा बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। बोर्ड में 3 साल से अधिक समय से अपने-अपने पद पर काबिज 200 से अधिक कर्मचारियों को हटा दिया।
 
बीएसईबी ने पुनर्परीक्षा सह साक्षात्कार में अयोग्य पाए जाने के कारण पहले ही विज्ञान टॉपर सौरभ श्रेष्ठ और विज्ञान विषय में तीसरे टॉपर राहुल कुमार का परिणाम रद्द कर दिया है।
 
इसी तरह की पुनर्परीक्षा के लिए बोर्ड द्वारा 2 बार तलब किए जाने पर भी कला की टॉपर्स रूबी राय बोर्ड के समक्ष उपस्थित नहीं हुई हैं। उनके परीक्षा परिणाम को अभी रोककर रखा गया है और उन्हें आगामी 25 जून को विशेषज्ञों के समक्ष उपस्थित होने को कहा गया है। (भाषा)

वेबदुनिया पर पढ़ें