कोरोना की तीसरी लहर की शुरुआत के साथ ही पर्यटन सुन्न होने लगा जम्मू-कश्मीर में

सुरेश एस डुग्गर
शुक्रवार, 7 जनवरी 2022 (12:15 IST)
जम्मू। हालांकि कश्मीर के पहाड़ों पर बर्फबारी का नजारा लेने की खातिर अभी भी कुछेक लोग कोरोना पाबंदियों के बीच भी खतरा मोल लेने को तैयार हैं। पर कोरोना की तीसरी लहर की शुरुआत के उपरांत प्रदेश में पर्यटन सुन्न होने लगा है। अब लोगों की चिंता यह है कि तीसरी लहर से मुक्ति कब तक मिल पाएगी?

ALSO READ: कश्मीर वादी लिपटी सफेद चादर में, श्रीनगर में मौसम की पहली बर्फबारी
 
कोरोना का खतरा कितना है, यह इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कश्मीर में नवंबर और दिसंबर में पर्यटकों की जबर्दस्त आमद के उपरांत अब यह ढलान पर है। कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों खासकर गुलमर्ग और पहलगाम से मिलने वालीं सूचनाओं के मुताबिक करीब 30 से 40 परसेंट कमरों की बुकिंगें रद्द हुई हैं। अन्य स्थानों से भी ऐसी ही सूचनाएं हैं।

ALSO READ: जम्मू कश्मीर में भारी बर्फबारी, पटनीटॉप में पर्यटकों की चांदी, गुलमर्ग में लगा जाम
 
दरअसल, कोरोना की तीसरी लहर की शुरुआत के साथ ही जगह-जगह कोरोना जांच के दौर से गुजरने की शर्तों के कारण और रात्रि कर्फ्यू के कारण टूरिस्टों ने प्रदेश से मुख मोड़ लिया है। जानकारी के लिए सड़क मार्ग से प्रदेश में आने वालों को गुलमर्ग तक पहुंचने के लिए 6 से 7 स्थानों पर कोरोना टेस्ट करवाना पड़ रहा है तो वैष्णोदेवी की यात्रा में शिरकत करने की इच्छा रखने वालों को भी ऐसे 4 से 5 दौरों से गुजरना पड़ रहा है। इतना जरूर था कि प्रतिदिन प्रदेश में कोरोना पीड़ितों की संख्या में अभी भी 30 से 40 परसेंट आंकड़ा इन्हीं टूरिस्टों और वैष्णोदेवी के श्रद्धालुओं को ही शामिल किया जा रहा है।
 
वैसे भी साल के पहले दिन वैष्णोदेवी के तीर्थस्थान पर हुए हादसे में 12 लोगों की मौत के बाद वैष्णोदेवी की यात्रा पर आने वालों के कदम थमने लगे हैं। इसके कई कारणों में वे असमंजस की स्थिति भी हैं, जो श्राइन बोर्ड के अधिकारियों द्वारा अभी तक साफ नहीं की गई है। यह असमंजस यात्रा में शामिल होने के लिए ली जाने वाली जरूरी यात्रा पर्ची के प्रति है। इसके प्रति कुछ अधिकारी कहते हैं कि ऑनलाइन पंजीकरण करवाना होग और कुछ ऑफलाइन की बात भी कहते हैं। हालांकि दोनों ही तरह से पंजीकरण सुविधा अभी जारी थी।

सम्बंधित जानकारी

अगला लेख