मेरठ। प्यार में छली गई एक प्रेमिका ने पुलिस से क्षुब्ध होकर आत्महत्या कर ली। प्रेमी ने पहले किशोरी को शादी का झांसा देकर उसका यौन शोषण किया और फिर शादी से मुकर गया। अपना सब कुछ गंवा बैठी इस किशोरी ने गत फरवरी माह में शिकायत दर्ज करवाई, लेकिन पुलिस से इंसाफ न मिलने के कारण वह दर-दर की ठोकरें खाती रही। अंत में परेशान होकर इस लड़की ने थाने में जहर खाकर जान दे दी।
किशोरी की जान जाने के बाद पुलिस की नींद खुली और उसने मृतक किशोरी मामले के विवेचना अधिकारी को तत्काल निलंबित कर दिया है। इन रोती-बिलखती और जमीन पर गिरती महिलाओं का रुदन सुनकर आपका भी दिल दहल जाएगा। ये वो महिलाएं हैं जिन्होंने अपनी नाबालिग बेटी को खोया है।
मामला मेरठ के थाना परीक्षितगढ़ क्षेत्र के खजूरी गांव का है। यहां की रहने वाली एक नाबालिग गांव के ही शादाब से प्यार कर बैठी। प्रेमपाश में बांधकर शादाब ने शादी का वादा करके उसका शारीरिक शोषण भी किया और बाद में शादी से मुकर गया।
आरोप यह भी है कि शादाब के साथियों ने भी पीड़िता का फायदा उठाया था। इसकी शिकायत पीड़िता की मां ने 19 फरवरी 2021 को परीक्षितगढ़ थाने में दर्ज कराई थी। नाबालिग रेप पीड़िता अपने साथ हुए धोखे और रेप करने वालों को सज़ा दिलवाने के लिए पुलिस की चौखट पर छह महीने से चक्कर लगाती रही। इस दौरान रेप करने वाले शादाब और उसके दबंग साथियों ने पीड़िता पर मुकदमा वापस लेने के लिए दबाव भी बनाया।
आरोपियों ने उसका घर से बाहर निकलना बंद कर दिया, समाज की घूरती नजरों और फब्तियों से परेशान होकर किशोरी ने अपनी जान दे दी। जान देने के लिए उसने थाने को चुना। पीड़िता अपनी मां के साथ थाने पहुंची और जहर खा लिया।
पीड़िता की हालत बिगड़ते देखकर उसे मेरठ के केएमसी अस्पताल में लाया गया, जहां उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया। पीड़िता के दम तोड़ने के बाद परिजन पोस्टमार्टम के लिए शव को मोर्चरी नहीं जाने दे रहे थे। मां-बहन एंबुलेंस के आगे लेट गए और पुलिस से अपनी बच्ची वापस मांगने लगे। माना जा रहा है कि यदि समय रहते पुलिस एक्शन ले लेती तो किशोरी की जान नहीं जाती।
वहीं पुलिस अधिकारी का कहना है कि इस मामले में पीड़िता के द्वारा मुकदमा दर्ज कराया गया था और जांच अधिकारी के उदासीन रवैए के चलते यह घटना हुई है। अब इस नई घटना के बाद के बाद परिजनों की तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया और जांच की जा रही है। साथ ही इस केस के विवेचना अधिकारी के खिलाफ भी जांच के आदेश दे दिए गए हैं और उनको निलंबित भी किया जा रहा है।
बहरहाल न्याय की गुहार लगाते हुए एक रेप पीड़िता ने अपनी जिंदगी खत्म कर ली और पुलिस ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी करने में लग गई है। साथ ही पूर्व में दर्ज मुकदमे के
जांच अधिकारी को केस में लापरवाही करने के चलते निलंबित कर दिया है।
सवाल यह उठता है कि आखिर वो कौनसा दिन होगा जब न्याय की चाह रखने वाले लोग पुलिस पर अपना इकबाल कायम कर सकेंगे। क्या इस पीड़ित परिवार के जख्मों पर मरहम लग सकेगा?