हिंदू धर्म में यह मान्यता है कि जो लोग पितृ पक्ष के दौरान गया में पिंडदान करते हैं उनके पूर्वजों को जन्म और मृत्यु के चक्र से छुटकारा मिल जाता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। पितृ पक्ष की शुरूआत इस साल 29 सितंबर से हुई है। इसकी 16 दिनों की अवधि में हिंदू अपने पूर्वजों का श्राद्ध एवं तर्पण तथा पिंडदान करते हैं।
यूक्रेनी महिला यूलिया ने कहा, यह दूसरा मौका है जब मैं पिंडदान करने आई हूं। मैं पिछले साल भी इस अवधि के दौरान अपने माता-पिता की आत्मा की शांति एवं मोक्ष के लिए यहां आई थी। उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध निश्चित तौर पर समाप्त होना चाहिए, उन्होंने कहा कि वह यहां शांति का संदेश फैलाने के लिए आई हैं।
युलिया ने इस्कॉन प्रचारक लोकनाथ गौड़ की मदद से पिंडदान किया। गौड़ ने कहा, यूलिया सनातन धर्म में दृढ़ विश्वास रखती हैं। उन्होंने गया और पितृ पक्ष के दौरान यहां पिंडदान करने के महत्व के बारे में बहुत अध्ययन किया है।