भारत ने पाकिस्तान द्वारा लगातार सीमापार से आतंकवाद का हवाला देते हुए इस सम्मेलन में भाग लेने से इंकार कर दिया है। भारत की घोषणा के बाद अफगानिस्तान, बांग्लादेश और भूटान ने भी क्षेत्र में आतंकवाद बढ़ने का हवाला देते हुए इस सम्मेलन में भाग नहीं लेने का फैसला किया।
सुरक्षा परिषद के 1971 के प्रस्ताव 307 में दिए गए जनादेश के अनुसार यूएनएमओजीआईपी जम्मू-कश्मीर में दोनों पड़ोसी देशों के बीच नियंत्रण रेखा पर और उसके पार तथा कामकाजी सीमा पर संघर्षविराम उल्लंघनों पर नजर रखेगा और उन पर रिपोर्ट देगा। लेकिन भारत ने बार-बार यह कहा है कि यूएनएमओजीआईपी ने अपनी प्रासंगिकता खो दी है और उसकी अब कोई भूमिका नहीं है। (भाषा)