उत्तर प्रदेश का चुनाव इस बार कई मायनों में बहुत अहम है। पारिवारिक घमासान से घिरे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जहां एक तरफ इस चुनाव में न सिर्फ फिर से सरकार बनाने, बल्कि एक नेता के तौर पर अपने पिता की छाया से पूरी तरह बाहर निकलकर अपना एक स्वतंत्र अस्तित्व बनाने के लिए चुनावी मैदान में होंगे, वहीं यह चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता एवं नोटबंदी के उनके फैसले का भी बड़ा इम्तहान होगा।
चुनाव आयोग ने बुधवार को उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम का ऐलान किया। इसके मुताबिक, उत्तर प्रदेश में 11 फरवरी को पहले चरण के मतदान के तहत 15 जिलों में 71 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। 11 जिलों में 67 सीटों के लिए दूसरे चरण के तहत 15 फरवरी को मतदान होगा।