अब बदले पर उतारू है बिजली विभाग

-रामजी मिश्र 'मित्र'

वेबदुनिया की खबर के बाद विद्युत विभाग को जर्जर तारों से ईंटें क्या हटानी पड़ीं, उसने जनता से बदला लेना शुरू कर दिया है। फिलहाल पूरे विभाग में सनसनी फैली है, मगर विभाग अपने कारनामों से बाज नहीं आ रहा है।


उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के ब्रम्हावली गाँव में बच्चों के स्कूल के पास खुले में रखे ट्रांसफार्मर को अब तक सुरक्षित स्थान पर स्थानां‍तरित नहीं कराया जा सका है। इस संबंध में न सिर्फ मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के वर्तमान एमडी शमीम अहमद को इसकी जानकारी है, बल्कि जनता को उनके द्वारा समस्या समाधान का महज आश्वासन ही मिला है।

आपको बताते चलें कि वेबदुनिया पर प्रकाशित खबर के बाद अधिकारी हरकत में आए और उन्होंने जर्जर तारों में लटकती ईंटों को फौरन हटवा दिया। इधर विभाग पर आरोप है खबर के कारण अधिकारियों ने बदले की भवना से अघोषित कटौती में और इजाफा कर दिया है। बिजली सप्लाई अब नहीं के बराबर हो गई है। इस संबंध में जब अधिशासी अभियंता से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने जानकारी दी कि वे फिलहाल बाहर हैं।

हालांकि जेई एसआर सैनी ने बताया कि स्टीमेट दो माह पहले भेजा जा चुका था। जब उनसे पूछा गया ईंट हटाने का स्टीमेट या फिर फेंसिंग का और अब तक ट्रांसफार्मर खुले में क्यों है तो वह इसका कोई उत्तर न दे सके।

बिलों में हेराफेरी भी जारी है : फर्जी तरीके से बिलों में हेराफेरी करके विभाग को चूना लगाना हो या फिर लोगों के बिल दोगुने हो जाना भी विभाग में आम बात है। इस तरह के कारनामे उत्तर प्रदेश पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के बाएं हाथ का खेल है।

हाल ही में एक बिलिंग घोटाला भी सामने आया। उपरोक्त मामले में दर्ज मुकदमों का भी कोई ख़ास असर विभाग के भ्रष्ट आकाओं पर पड़ता नजर नहीं आया। और तो और विभाग द्वारा जांच एजेंसियों को भी सहयोग नहीं किया जा रहा है। एक ओर जहाँ लोगों ने इस घोटाले में अपने बिलों को कम करवा लिया, वहीं कई लोगों का नवंबर माह का बिल सीधे दुगुना कर दिया गया। हालांकि इसका कोई कारण उपभोक्ताओं को स्पष्ट नहीं किया गया। विभाग की इस मनमानी के कारण गरीब लोग बिल नहीं भर पाते।

चेयरमैन के कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार ट्रांसफार्मर रखे जाते वक्त ही उसकी फेंसिंग भी होती है, लेकिन ऐसा देखने में नहीं आ रहा है। प्रदेश के लखीमपुर जिले में बेहजम रोड पर तीन- तीन ट्रांसफार्मर खुले में विभाग की उदासीनता का डंका बजाते नजर आ रहे हैं। सीतापुर जिले के ब्रम्हावली गाँव में तीन तीन प्राथमिक स्तर के स्कूलों के पास रखे खुले ट्रांसफार्मर विभाग की संवेदनहीनता को अब तक दर्शा रहा है। बड़ी बात तो यह है की आखिर फेंसिंग का पैसा कौन हजम कर गया।

पूरे प्रदेश में घटते बढ़ते बिलों और अघोषित कटौती के कारण कोहराम मचा हुआ है। वहीँ अधिकारियों के कागजों के अनुसार प्रदेश की जनता को शेड्यूल के अनुसार सप्लाई दी जा रही है, जबकि हकीकत में यह कोरा झूठ है। एक जानकारी के अनुसार उपभोक्ताओं से वसूला गया अतिरिक्त शुल्क वापस कराए जाने की बात कही जा रही है, लेकिन यह कैसे और कब तक यह सवाल लगातार बना हुआ है।

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