माना जा रहा है कि कांग्रेस संगठन और विधायकों के दबाव के चलते मुख्यमंत्री को इस कवायद को अंजाम देना पड़ा। बुधवार को मुख्यमंत्री ने कहा था कि उन्होंने नई दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के दौरान उनके समक्ष बात रख दी है और उनसे अनुमति मिलने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार कर दिया जाएगा।