वैष्णोदेवी की यात्रा पर जा रहे हों तो जरूरी खबर

मंगलवार, 13 अक्टूबर 2015 (12:27 IST)
नवरात्रि के पावन दिनों में अगर आप वैष्णोदेवी के दर्शनों के लिए जा रहे तो यह आपके लिए महत्वपूर्ण खबर है। यात्रा के दौरान घोड़े-खच्चर की सवारी करने से बचें। खबरों के मुता‍बिक घोड़ों में फैलने वाली संक्रमित बीमारी ग्लैंडर्स ने विकराल रूप ले लिया है। खतरनाक बात यह है कि यह बीमारी घोड़ों से मनुष्य में भी संचरित होती है।
यह कितनी खतरनाक है इसका पता इसी से लगाया जा सकता है कि इसकी चपेट में आए घोड़ों और खच्चर को मारना ही एकमात्र उपाय होता है। इनके इलाज की अनुमति तक नहीं है। मनुष्य को होने पर निमोनिया या फिर चमड़ी पर गांठें बनती हैं और यह गांठे फट जाती है। समय से अगर इसका पता न चले तो मौत हो जाती है। यात्रा के दौरान आपको बस घोड़ों और खच्चर से दूर रहना है।
 
अगर घोड़ों में ये लक्षण दिखें तो सावधान हो जाइए : अगर आपको किसी घोड़े की नाक से लगातार पानी गिरना, कोई फुंसी-दाना दिखना या फिर शरीर पर कटे-फटे होना नजर आता है तो कतई उसकी सवारी न करें। खबरों के अनुसार नवरात्रि को देखते हुए वैज्ञानिक की एक टीम ने जम्मू के कटरा स्टेशन पर ही डेरा डाल दिया है। 
 
युद्धबंदियों पर किया गया था प्रयोग : जर्मनी के एजेंटस ने रूस के घोड़ों में इसे फैलाया था। इसके लिए पानी में इस बीमारी के कीटाणु मिला दिए गए थे। इसके कारण बड़े पैमाने पर रूस में घोड़ों की मौत हुई थी और मनुष्य भी इसके शिकार हुए थे। इसका प्रयोग दूसरे विश्वयुद्ध में जापान ने भी युद्धबंदियों के लिए किया था। फिलहाल यह बीमारी यूरोप से साफ हो चुकी है लेकिन एशियाई देशों में अभी भी यह पाई जा रही है। (एजेंसियां)

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