वैष्णोदेवी की पुरानी गुफा खुलने से दर्शनार्थियों में खुशी

श्रीनगर। वैष्णो देवी के दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं के लिए खुशखबरी है। माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा विश्वभर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मां वैष्णो देवी की प्राचीन गुफा के कपाट खोले जा चुके हैं। इससे दर्शन के लिए भवन पर पहुंचे श्रद्धालु अति उत्साहित दिखे।
 

 
यूं तो साल भर मां वैष्णो देवी के दरबार रोजाना आने वाले हजारों श्रद्धालु कृत्रिम गुफाओं से होकर मां के दर्शन करते हैं क्योंकि अधिक भीड़ रहने के कारण बोर्ड प्रशासन प्राचीन गुफा के द्वार अक्सर बंद ही रखता है। प्राचीन गुफा के द्वार तभी खोले जाते है जब श्रद्धालुओं का आंकड़ा रोजाना 10 हजार के नीचे पहुंच जाए।
 
गौरतलब है कि नववर्ष के प्रथम सप्ताह में जहां रोजाना 15 से 20 हजार श्रद्धालु आधार शिविर कटरा पहुंच रहे थे। वहीं, यह आंकड़ा वर्तमान में गिरकर करीब 7 से 8 हजार तक पहुंच गया है। 18 जनवरी को जहां 8218 श्रद्धालु मां के दरबार पहुंचे वहीं, 19 जनवरी को 7101, 20 जनवरी को 7217 तथा 21 जनवरी को 7277 श्रद्धालुओं ने माथा टेका। लोहड़ी पर्व के बाद यात्रा में काफी कमी आई है। इससे बोर्ड प्रशासन ने लोहड़ी पर्व सहित मकर संक्राति के बाद मां वैष्णो देवी की प्राचीन गुफा के द्वार श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए।
 
माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के एडीशनल सीईओ ने बताया कि वर्तमान में श्रद्धालुओं का आंकड़ा 10 हजार से नीचे आ जाने के चलते बोर्ड प्रशासन ने वैष्णो देवी की प्राचीन गुफा के द्वार खोल दिए है। प्राचीन गुफा के द्वार सुबह 10 बजे से लेकर सायं 4 बजे तक श्रद्धालुओं के लिए खुले रहेंगे। प्राचीन गुफा के द्वार तब तक खुले रहेंगे जब तक श्रद्धालुओं का आंकड़ा प्रतिदिन 10 हजार पार नहीं कर जाता।
 
प्राचीन गुफा से मां वैष्णवी के अलौकिक दर्शन पाकर श्रद्धालु गदगद दिख रहे हैं। अपने परिवार सहित दिल्ली से आए श्रद्धालु नरेश ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि मां वैष्णो देवी ने वर्षों की उनकी मुराद पूरी कर दी है। उन्होंने बताया कि मां वैष्णो देवी ने करीब पांच साल के उपरांत प्राचीन गुफा से दर्शन का उन्हें सौभाग्य प्रदान किया है। वहीं, पंजाब से पधारे जसवीर व उनकी पत्नी ने कहा कि जिंदगी में पहली बार मां वैष्णो देवी की प्राचीन गुफा से मां के दर्शन कर वह धन्य हो गए हैं। इसी तरह हिमाचल से आए श्रद्धालु करण, यूपी के उमेश, हरियाणा के वीरपाल तथा मुंबई के डीके आदि ने इसे मां की कृपा बताया।
 
गौरतलब है कि वैष्णवी की प्राचीन गुफा का अपना महत्व है। क्योंकि जब भैरव नाथ मां वैष्णो देवी जी को पाने के लिए पीछा करता हुआ प्राचीन गुफा के समक्ष पहुंचा तो मां वैष्णो देवी ने भैरवनाथ का वध किया था। जिससे भैरव नाथ का सिर भैरव घाटी में जा गिरा था तथा शरीर गुफा के समक्ष पत्थर की शिला में बदल गया। इसके बाद मां वैष्णो देवी जी ने भैरव नाथ को वर दिया था कि जो भी श्रद्धालु उसके चरणों में तुम्हारे शरीर से होकर पहुचेगा उसकी यात्रा सफल होने के साथ ही मन की मुराद पूरी होगी।

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