कानपुर जिले के बिकरू कांड के मास्टर माइंड विकास दुबे की गिरफ्तारी को लेकर कई बातें सामने आ रही हैं। साथ ही कई सवाल भी उठ रहे हैं? आखिर विकास यूपी से उज्जैन तक कैसे पहुंचा और किसने उसकी मदद की। हालांकि उसकी गिरफ्तारी पूरी तरह 'सुनियोजित' बताई जा रही है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक विकास उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के नंबर वाली कार UP-32 KS 1104 से उज्जैन पहुंचा था, जिसे स्थानीय पुलिस ने जब्त कर लिया है। पुलिस ने जब्त की गाड़ी।
बिकरू मुठभेड़ कांड का मास्टर माइंड विकास 150 घंटे बाद कानपुर (घटनास्थल) से करीब 674 किलोमीटर दूर उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में पकड़ा गया। इसकी गिरफ्तारी सुनियोजित इसलिए भी लगती है कि क्योंकि जब इसे पुलिस ने पकड़ा था तब वह जोर-जोर से चिल्ला रहा था- 'मैं विकास दुबे हूं कानपुर वाला हूं'।
दूसरी ओर, यूपी के अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी के मुताबिक मध्यप्रदेश के उज्जैन में पुलिस की देर रात से विकास दुबे पर नज़र थी। महाकाल मंदिर के आसपास उसने शरण ले रखी थी। आज सुबह पुजारी की जानकारी के बाद पुलिस ने वहां से विकास को अपनी हिरासत में लिया। विकास को लखनऊ लाया जा रहा है। गुरुवार शाम तक वह लखनऊ पहुंच सकता है।
विकास का मददगार तिवारी : इस बीच, एक खबर यह भी आ रही है कि किसी तिवारी नामक शख्स ने विकास की मदद की थी। उसी ने विकास को महाकाल मंदिर तक पहुंचाया, जहां पर उसने (विकास ने) खुद को पकड़वाया। इस नाटकीय गिरफ्तारी के पीछे माना जा रहा है कि विकास को डर था कि उसका एनकाउंटर किया जा सकता है क्योंकि अभी तक यूपी पुलिस ने उसके पांच गुर्गे मार गिराए गए हैं।