लखनऊ। कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में एक सनसनीखेज घटनाक्रम में यूपी के कुख्यात अपराधी विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर अंधाधुंध फायरिंग की गई, इसमें 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए, जबकि 7 पुलिसकर्मी घायल हो गए। इनामी बदमाश विकास की पुलिस को कई मामलों में तलाश है। बताया जाता है कि विकास की राजनीतिक लोगों से अच्छी जान-पहचान है। वह खुद भी प्रधान एवं जिला पंचायत सदस्य रह चुका है।
आख़िरी बार अक्टूबर 2017 में एसटीएफ ने विकास दुबे को लखनऊ में गिरफ्तार किया था। विकास पर आरोप है कि उसने कानपुर में वर्ष 2001 में भाजपा के तत्कालीन दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की शिवली थाने के भीतर सनसनीखेज तरीके से हत्या की थी।
कानपुर में एक अन्य हत्या के मामले में वांछित चल रहे विकास पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित था। गिरफ़्तारी के वक्त लखनऊ के कृष्णानगर क्षेत्र में विकास अपनी बुआ के मकान में विकास छिपकर रह रहा था।
विकास पूर्व में प्रधान व जिला पंचायत सदस्य भी रह चुका है। चौबेपुर थानाक्षेत्र के बिकरू निवासी विकास को कानपुर पुलिस ने 2017 में शिवराजपुर थाने में दर्ज कराए गए जानलेवा हमले सहित अन्य धाराओं के मुकदमे में भी तलाश कर रही थी।
वर्ष 1996 में कानुपर की चौबेपुर विधानसभा क्षेत्र से हरिकृष्ण श्रीवास्तव व संतोष शुक्ला चुनाव लड़े थे। इस चुनाव में श्रीवास्तव विजयी घोषित हुए थे। विजय जुलूस निकाले जाने के दौरान दोनों शुक्ला और श्रीवास्तव समर्थकों के बीच गंभीर विवाद हो गया था। इस मामले में विकास दुबे का भी नाम आया था और उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ था।
यहीं से विकास की भाजपा नेता संतोष शुक्ला से रंजिश हो गई थी। आरोप है कि इसी रंजिश के चलते 11 नवंबर 2001 को विकास ने कानपुर के थाना शिवली में संतोष शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी थी।