Bengal panchayat election: पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को होने वाले पंचायत चुनाव के सिलसिले में नामांकन दाखिल करने को लेकर विभिन्न जगहों पर हिंसा हुई और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस एवं विपक्षी दलों के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया। राज्य के दक्षिण 24 परगना और बांकुड़ा जिलों में नामांकन दाखिल करने को लेकर लगातार 5वें दिन भी हिंसा जारी रही।
दोनों दलों के समर्थकों ने एक-दूसरे को नामांकन दाखिल करने से रोकने की कोशिश की और इस क्रम में उन्होंने बम फेंके एवं कई कारों को नुकसान पहुंचाया। पुलिस के अनुसार दोनों पक्षों के कई कार्यकर्ता घायल हो गए। जिले के कैनिंग इलाके में भी हिंसा हुई, जहां तृणमूल के असंतुष्ट गुटों के सदस्यों से कथित तौर पर जुड़े उपद्रवियों ने पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करने से रोकने की कोशिश की।
पुलिस ने बताया कि उपद्रवियों ने त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) के जवानों पर बम फेंके और पथराव किया और स्थिति पर काबू के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। अधिकारियों के अनुसार बांकुड़ा के इंदास इलाके में नामांकन केंद्र के बाहर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ताओं की तृणमूल समर्थकों से झड़प हो गई। पुलिस द्वारा स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश किए जाने के बावजूद दोनों दलों के समर्थक आपस में भिड़ गए और एक-दूसरे पर पथराव किया।
पंचायत चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 9 जून को शुरू हुई और उसके बाद से ही राज्य के विभिन्न हिस्सों में नामांकन रोकने के लिए हिंसक घटनाएं हुईं। भाजपा, कांग्रेस और माकपा आदि विपक्षी दलों ने तृणमूल पर दूसरे दलों के उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करने से रोकने के लिए बाहुबल का उपयोग करने का आरोप लगाया है।
आईएसएफ नेता और भांगर के विधायक नौशाद सिद्दीकी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के गुंडे हमारे उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करने से रोकने के लिए कल मंगलवार रात से हिंसा पर उतारू हैं। तृणमूल के राज्य प्रवक्ता कुणाल घोष ने विपक्ष के आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि आईएसएफ इलाके में हिंसा भड़काने की कोशिश कर रही है। सत्ता पक्ष ने विपक्षी दलों से अपने उम्मीदवारों की पूरी सूची जारी करने को भी कहा ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें नामांकन दाखिल करने में मदद मिल सकती है।(भाषा)