Violence in Manipur: पूर्वोत्तर के खूबसूरत राज्य मणिपुर में हिंसा तो थम गई है, लेकिन उसकी आंच अभी पूरी तरह ठंडी नहीं हुई है। एक जानकारी के मुताबिक मणिपुर में अब तक 2000 से ज्यादा घरों को जला दिया गया, जबकि हिंसा में 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई, जबकि 230 से ज्यादा लोग घायल हो गए। करीब 10 लोग बदहाल जिंदगी जीने को मजबूर हैं। हजारों लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। अपुष्ट जानकारी के अनुसार मौत का आंकड़ा 100 के लगभग है।
उल्लेखनीय है कि यह हिंसा राज्य के बहुसंख्यक मेइती समुदाय को जनजाति की श्रेणी में आरक्षण दिए जाने संबंध हाईकोर्ट के सुझाव के बाद भड़की थी। मेइती समुदाय की संख्या राज्य में 53 फीसदी के आसपास है, जबकि कुकी और नगा आदिवासियों की संख्या 40 फीसदी के आसपास है। मेइती समुदाय के ज्यादातर लोग इंफाल घाटी में रहते हैं। आदिवासी एकजुटता मार्च के दौरान चुराचांदपुर जिले के तोरबंग क्षेत्र से हिंसा की शुरुआत हुई थी। यह हिंसा धीरे-धीरे पूरे राज्य में फैल गई थी।
एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक राज्य में पिछले 24 घंटों में हिंसा की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। हालात में सुधार हो रहा है। मंगलवार सुबह 5 बजे से 4 घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई। इस बीच, मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने कहा कि कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख, गंभीर रूप से घायलों को 2-2 लाख और मामूली रूप से घायल प्रत्येक व्यक्ति को 25 हजार रुपए देने की घोषणा की है। सीएम ने कहा कि हिंसा में घरों के साथ ही मंदिर और चर्च भी जला दिए गए, जो कि बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।
5000 मेइती बेघर : मेइती समुदाय के लिए काम करने वाले संगठन पीपुल्स एलायंस फॉर पीस एंड प्रोग्रेस (पीएपीपी) ने दावा किया कि राज्य के हिंसा प्रभावित चुराचांदपुर जिले में इस समुदाय के 5000 लोग बेघर हुए हैं। चुराचांदपुर में सामुदायिक बस्ती क्षेत्र में मेइती समुदाय के सभी घरों को आतंकवादियों के समर्थन वाले सशस्त्र लोगों ने जला दिया है। वहीं, अधिकारियों का कहना है कि अब तक 23,000 लोगों को हिंसा प्रभावित क्षेत्रों से बचा लिया गया है। उन्हें सैन्य छावनियों तथा राहत शिविरों में ले जाया गया है।
हथियार लूटे : उपद्रवियों ने हिंसा के दौरान हथियार भी लूट लिए। मुख्यमंत्री सिंह के मुताबिक सुरक्षा बल के जवानों से 1 हजार ज्यादा बंदूकें लूट ली गईं, इनमें से 214 को बंदूकें बरामद कर ली गई हैं।
बरामद कर लिया गया है।
कांग्रेस का केन्द्र पर निशाना : कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड की एक टिप्पणी से जुड़ी खबर का हवाला देते हुए कहा कि सीजेआई ने जो कहा है उसके परिप्रेक्ष्य में मणिपुर उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने जो किया है, वह आश्चर्यजनक है। रमेश ने कहा कि केंद्र की सत्ता में बैठे लोग अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकते। उन्होंने जो खबर साझा की है उसके मुताबिक, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा है कि उच्च न्यायालय को अनुसूचित जनजाति की सूची में बदलाव करने के लिए निर्देश देने का अधिकार नहीं है।
सही आंकड़ा नहीं दे रही सरकार : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिंसा प्रभावित मणिपुर की मौजूदा स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए सोमवार को आरोप लगाया कि भाजपा सरकार पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा के दौरान मारे गए लोगों का स्पष्ट आंकड़ा नहीं दे रही है, जहां देखते ही गोली मारने का आदेश लागू है। बनर्जी ने स्थिति की समीक्षा के लिए मणिपुर में एक भी प्रतिनिधि नहीं भेजने के लिए भी केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि न तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और न ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस बारे में कुछ कहा कि भाजपा शासित राज्य में आखिर हो क्या रहा है। बनर्जी ने कहा कि मैं मणिपुर की स्थिति से बहुत चिंतित हूं। देखते ही गोली मारने के आदेश से हुई मौतों का हमें स्पष्ट पता नहीं चल रहा है क्योंकि राज्य सरकार कोई सूचना नहीं दे रही है।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala