व्यापमं घोटाला: जबलपुर मेडिकल कॉलेज के डीन की मौत

रविवार, 5 जुलाई 2015 (13:27 IST)
नई दिल्ली। मध्यप्रदेश के चर्चित व्यापमं घोटाले को लेकर विशेष कार्यदल (एसटीएफ) की जांच के घेरे में चल रहे जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के एक डीन डॉ. अरुण शर्मा दक्षिणी दिल्ली के एक होटल में आज सुबह रहस्यमयी परिस्थितियों में मृत पाए गए।

दिल्ली पुलिस के अनुसार उन्होंने होटल में सुबह ‘वेक अप कॉल’ लगाई हुई थी और उनका कमरा अंदर से बंद था। जब होटल कर्मियों को उसका जवाब नहीं मिला तो उन्होंने दरवाजे को डुप्लीकेट चाबी से खोला। इस पर उन्हें डॉ. शर्मा का शव मिला। उनके बिस्तर के पास व्हिस्की एवं कुछ दवाएं मिलीं हैं।
 
डॉ. शर्मा कल ही दिल्ली आए थे और उन्हें अगरतला मेडिकल कॉलेज के निरीक्षण के लिए हवाई मार्ग से जाना था। व्यापम घोटाले की जांच में शामिल डॉ. शर्मा की मौत के चंद घंटे पहले झाबुआ जिले में दिल्ली के एक टेलीविजन पत्रकार अक्षय सिंह की भी संदिग्धावस्था में मौत हुई है। 
 
अक्षय सिंह वहां मध्यप्रदेश विद्युत बोर्ड की परीक्षा के एक आरोपी की रहस्यमयी मौत के बाद उनके परिवार के इंटरव्यू लेने गए थे। अक्षय का आज यहां निगम बोध घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया।
 
डॉ. शर्मा जबलपुर मेडिकल कॉलेज के दूसरे डीन हैं, जो व्यापमं के मामले से जुड़े थे और रहस्यमयी परिस्थितियों में उनकी मौत हुई है। वे दो माह पहले ही डीन बनाए गए थे। वे व्यापमं द्वारा कराए गए मेडिकल प्रवेश परीक्षा के घोटाले के सिलसिले में एसटीएफ की जांच में मदद के लिए दस्तावेज मुहैया करा रहे थे। वे उस परीक्षा के प्रभारी रहे थे।
 
दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त दीपेन्द्र पाठक ने बताया कि उनकी मौत को लेकर पुलिस को कुछ भी गड़बड़ी के संकेत नहीं मिले हैं। उनके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। पुलिस भी सभी वैज्ञानिक साक्ष्यों को एकत्र कर रही है। उन्होंने बताया कि डॉ. शर्मा के परिवार को सूचना दी गर् है और उनका बेटा दिल्ली आ रहा है।
 
उन्होंने बताया कि डॉ. शर्मा खुद मधुमेह एवं मानसिक अवसाद से पीड़ित थे। डॉ. शर्मा की पृष्ठभूमि एवं व्यापमं मामले के संबंध में पाठक ने कहा कि पुलिस उनकी मौत के कारणों का पता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।      
 
मध्यप्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल यानी व्यापमं घोटाले में अब तक तीन दर्जन से अधिक आरोपी अथवा इस जांच की अहम जानकारी रखने वाले लोगों की एक के बाद एक मौत हो चुकी है, जिनमें मध्यप्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव के पुत्र की रहस्यमयी मौत भी शामिल है। विपक्ष लगातार इस मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग कर रहा है। (वार्ता)

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