ममता बनर्जी शनिवार को फोन पर उस समय चिकित्सकों से बात कर रही थीं जब मुख्य सचिव मनोज पंत धर्मतला स्थित प्रदर्शन स्थल पर गए थे, जहां पर कनिष्ठ चिकित्सक सरकारी आरजी कर चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में एक महिला प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या के मामले में पीड़िता को न्याय दिलाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर आमरण अनशन कर रहे हैं।
बनर्जी ने चिकित्सकों से अपना प्रदर्शन वापस लेने की अपील करते हुए कहा कि हर किसी को विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है, लेकिन इससे स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आपकी अधिकतर मांगों को पूरा कर दिया गया है, शेष मांगों को पूरा करने के लिए मुझे 3 से 4 महीने का समय दीजिए। बनर्जी ने चिकित्सकों से कहा कि आपकी मांगों से हम असहमत नहीं हैं, बातचीत के लिए सरकार के साथ बैठने का आपसे अनुरोध है।
उन्होंने कहा कि कृपया अपना प्रदर्शन समाप्त कर दीजिए। कुछ मांगों को पूरा करने के लिए नीतिगत फैसले की जरूरत है। हम यथासंभव सहयोग करेंगे, लेकिन यह स्वीकार्य नहीं है कि आप सरकार को निर्देशित करें कि क्या किया जाना चाहिए। पंत के साथ गृह सचिव नंदिनी चक्रवर्ती भी थीं।
पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत और गृह सचिव नंदिनी चक्रवर्ती ने शनिवार को प्रदर्शन स्थल का दौरा किया, जहां आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक प्रशिक्षु महिला चिकित्सक के कथित दुष्कर्म और हत्या के मामले में पीड़िता को न्याय दिलाने तथा कार्यस्थल पर सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग को लेकर कनिष्ठ चिकित्सक प्रदर्शन कर रहे हैं।
अनशन कर रहे 6 चिकित्सकों की हालत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल आठ चिकित्सक अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं और उन्होंने राज्य सरकार से गतिरोध खत्म करने के लिए 21 अक्टूबर तक कदम उठाने की मांग की है। एक चिकित्सक ने कहा कि अगर सोमवार तक उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो उन्हें 22 अक्टूबर को पूरे राज्य में मजबूरन हड़ताल करनी पड़ेगी। इनपुट भाषा