West Bengal News : पश्चिम बंगाल की वित्तमंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने बुधवार को विधानसभा में 3.89 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया जिसमें सामाजिक कल्याण योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसमें राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते (DA) में 4 प्रतिशत बढ़ोतरी की घोषणा भी की गई। इससे राज्य सरकार के 10 लाख से अधिक कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का कुल महंगाई भत्ता बढ़कर 18 प्रतिशत हो जाएगा। बजट भाषण में भट्टाचार्य ने ग्रामीण विकास और पंचायतों के लिए 44,000 करोड़ रुपए के आवंटन की घोषणा की।
राज्य सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में बुनियादी ढांचे और कृषि विकास परियोजनाओं की एक रूपरेखा भी पेश की जिसमें ग्रामीण संपर्क, नदी कटाव नियंत्रण और कृषि सहायता पहलों के लिए महत्वपूर्ण धन आवंटित किया गया है। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले ममता बनर्जी सरकार का यह आखिरी पूर्ण बजट है। पिछले बजट में राज्य को 3.67 लाख करोड़ रुपए का आवंटन किया गया था।
भट्टाचार्य ने अपने बजट भाषण में कहा कि राज्य सरकार एक अप्रैल, 2025 से राज्य सरकार के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में चार प्रतिशत की वृद्धि करेगी। इससे राज्य सरकार के 10 लाख से अधिक कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का कुल महंगाई भत्ता बढ़कर 18 प्रतिशत हो जाएगा। बजट भाषण में भट्टाचार्य ने ग्रामीण विकास और पंचायतों के लिए 44,000 करोड़ रुपए के आवंटन की घोषणा की। इसके अलावा राज्यभर में ग्रामीण सड़कों के सुधार के लिए 1,500 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है।
राज्य सरकार ने बुनियादी ढांचे पर अपना ध्यान केंद्रित करते हुए गंगासागर में गंगा नदी पर 4.75 किलोमीटर लंबे पुल के निर्माण के लिए 500 करोड़ रुपए मंजूर किए। इससे तीर्थयात्रियों को आसान पहुंच की सुविधा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
इसके अलावा 'बांग्लार बारी' आवास परियोजना के तहत अगले वित्त वर्ष में 16 लाख नए घर बनाने की योजना बनाई गई है। इस पहल के लिए बजट में 9,600 करोड़ रुपए का प्रस्ताव किया गया है। भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य 'पथश्री' परियोजना के तहत सड़कों और बुनियादी ढांचे का विकास जारी रखेगा। अगले वित्त वर्ष में इस परियोजना के लिए अतिरिक्त 1,500 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।
पश्चिम बंगाल में कम-से-कम 10 प्रमुख नदियों के तटबंधों को मजबूत करने और नदी तल की सफाई करने की एक व्यापक परियोजना 'घाटल मास्टर प्लान' के लिए सरकार ने इस साल 500 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। परियोजना की कुल लागत 1,500 करोड़ रुपए है।
इसके अलावा राज्य में नदी-केंद्रित क्षेत्रों के लिए 'नदी बंधन' नाम की एक नई परियोजना की घोषणा की गई है। नदी तट के कटाव को रोकने पर ध्यान केंद्रित करने वाली इस परियोजना के लिए 200 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। वित्तमंत्री ने 70,000 आशा कार्यकर्ताओं को स्मार्टफोन दिए जाने की भी घोषणा की। हालांकि बजट में लक्ष्मी भंडार योजना के बारे में कोई घोषणा नहीं की गई।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बजट पेश होने के बाद कहा, लक्ष्मी भंडार एक लोकप्रिय योजना है। कुल मिलाकर 2.21 करोड़ महिलाओं को इसका लाभ मिलता है। राज्य सरकार इस पर 50,000 करोड़ रुपए खर्च करती है। दूसरे राज्य, खासतौर पर भाजपा-शासित राज्य इस योजना की नकल कर रहे हैं।
हालांकि बजट पर असंतोष जताते हुए भाजपा विधायकों ने वॉकआउट कर दिया। उन्होंने केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा दिए जाने वाले डीए में अंतर को उजागर करते हुए सरकार के खिलाफ नारे लगाए। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour