आवारा कुत्तों के गले में क्यों लगे QR Code?

शुक्रवार, 17 फ़रवरी 2023 (14:27 IST)
अब देश के किसी भी शहर में चले जाएं, हर जगह बड़ी तादाद में आवारा कुत्ते दिखाई देते हैं। हाल ही में मुंबई के एक इंजीनियर और डॉग लवर, अक्षेय रिडलान ने स्ट्रीट डॉग्स के लिए QR Code लैस गले के पट्टे को विकसित किया है। इस टेग की मदद से स्ट्रीट डॉग्स को ट्रैक कर उनकी लोकेशन का पता लगाया जा सकता है।
 
पट्टे पर लगे QR Code को मोबाइल से स्केन करने के बाद कुत्ते का नाम, उसकी मेडिकल हिस्ट्री, उनके केयरटेकर की कॉन्टेक्ट डिटेल्स जैसी जानकारियां सामने आ जाती हैं। इन QR Code को पट्टे से चेन की मदद से अटैच किया गया है।
 
अक्षय ने यह भी बताया कि इससे सरकार स्ट्रीट डॉग्स की लोकेशन पता कर पाएगी एवं इस जानकारी को उनकी नसबंदी और वैक्सीनेशन के लिए भी उपयोग किया जा सकता है। यह डेटाबेस की मदद से किया जा सकता है। ऐसे संस्थान एवं लोग जो जानवरों को रेस्क्यू करने एवं उन्हें खाना देने का काम करते हैं, वे इन टेग्स का उपयोग कर पाएंगे।
 

Maharashtra | Akshay Ridlan, an engineer and a dog lover from Mumbai, claims to have developed tags with QR code technology for stray dogs, to keep track of them. pic.twitter.com/SIyfyqudlb

— ANI (@ANI) February 15, 2023
हालांकि कई लोग इस बारे में सोशल मीडिया के जरिए अपना मत सामने रख रहे हैं। कुछ लोगों ने अक्षय के इस कदम की सराहना की तो कुछ ने सवाल किया कि क्या वाकई में इससे कुत्तों की लोकेशन का पता चल सकता है? क्या QR code को इंटरनेट कनेक्टेड GPS से जोड़ा गया?
 

How can a dog's location be found with these tags..? Is there any GPS with internet connectivity incorporated in QR code tags?

Besides this, do you still believe the government will make good use of it; doing vaccination and sterilization?

— Kunal Bhate (@kunalbhate) February 15, 2023
 
एक व्यक्ति ने कहा कि कुत्तों की आपसी लड़ाई में टैग के खो जाने के बाद यह किसी काम का नहीं रह जाएगा।

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