चूंकि योगी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन चुके हैं। अत: उन्हें शपथ लेने के छह महीने के भीतर या तो विधानसभा का चुनाव लड़ना पड़ेगा या फिर विधान परिषद की सदस्यता लेनी होगी। दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा भी विधायक नहीं हैं, अत: उन्हें भी छह महीने के भीतर सदन की सदस्यता लेनी होगी। केशव फूलपुर से सांसद हैं, जबकि दिनेश शर्मा उपमुख्यमंत्री बनने से पहले लखनऊ के मेयर थे।