उन्होंने कहा कि देश में एक बार चर्चा हो जानी चाहिए कि कौन सांप्रदायिक है और कौन राष्ट्रवादी? उन्होंने कटाक्ष किया कि जो लोग वोट बैंक बनाकर समाज को बांटने का काम कर रहे हैं, वे खुद को मानवतावादी कहते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने अपने इतिहास को भुला दिया। इस देश में विदेशी आक्रांताओं के हमले तेज हो गए। जब भी हम अपने इतिहास को भुला देंगे इसका परिणाम पूरे समाज को भुगतना होगा। महाराजा सुहेलदेव को इतिहास में जितनी जगह मिलनी चाहिए थी उतनी मिली नहीं। एक शरारत के तहत ऐसे महापुरुषों का नाम हटा दिया गया। केंद्र सरकार ने निर्णय लिया है कि इन सभी महापुरुषों को पाठयक्रमों का हिस्सा बनाएंगे। जब तक हम बच्चों को नहीं बताएंगे कि कौन महापुरुष थे तो उन्हें जानकारी क्या होगी। (वार्ता)