ईद के मौके पर मुख्यमंत्रियों के ऐसबाग ईदगाह जाने की परंपरा रही है, लेकिन योगी के वहां नहीं जाने की वजह से यह परंपरा टूट गई। हालांकि राज्यपाल राम नाईक, उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष तथा पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ईदगाह जाकर लोगों को ईद की बधाई दी और लोगों से मुलाकात की।
मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर रमजान के दौरान रोजा इफ्तार पार्टी दिए जाने की भी परंपरा को योगी आदित्यनाथ ने तोड़ा। परंपरा के अनुसार रमजान में एक दिन मुख्यमंत्री की ओर से रोजा इफ्तार की पार्टी दी जाती थी, लेकिन इस बार वह पार्टी नहीं हुई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राजभवन में गत 23 जून को आयोजित इफ्तार पार्टी में भी नहीं शामिल हुए थे, लेकिन उनके प्रतिनिधि के तौर पर उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा और कई मंत्रियों ने राजभवन की इफ्तार पार्टी में शिरकत की थी।
इस बीच, राज्य के अन्य इलाकों से ईद हर्षोल्लास और परम्परागत तरीके से मनाई गई। महीने भर रोजा रखने के बाद लोगों ने ईद के मौके पर जमकर सेवइयां चखीं। लखनऊ के ऐसबाग ईदगाह पर मुख्य नमाज अदा की गई। हजारों नमाजियों ने इसमें शामिल होकर देश की सलामती के लिए भी दुआ की। सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त के बीच ईदगाहों और मस्जिदों में नमाज अता करने के बाद लोग एक दूसरे के गले मिले और उन्हें ईद की बधाई दी।
मऊ से मिली सूचना के अनुसार वहां के एक गांव में लोगों ने काली पट्टी बांधकर नमाज अता की। नसीरपुर गांव में स्थित मस्जिद में पिछले सप्ताह एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी। धार्मिक स्थल में मांस के टुकड़े फेंककर सांप्रदायिक तनाव फैलाने की साजिश की गई थी। इसका विरोध करते हुए नमाजियों ने काली पट्टी बांधी। गांव के ईदगाह पर मेला भी नहीं लगा।
कानपुर से मिली सूचना के अनुसार ईदगाह पर सुबह से ही नमाजियों का पहुंचना शुरु हो गया था। शहर इमाम ने लोगों को ईद की नमाज अदा कराई गई तथा भाईचारा और मजबूत होने की दुआ की। अयोध्या में भी धूमधाम से ईद मनाई गई। अंबेडकरनगर, जौनपुर, वाराणसी, भदोही, बरेली, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, इटावा और मथुरा समेत राज्य के अन्य हिस्सों से भी सद्भावनापूर्ण माहौल में ईद मनाई गई। कहीं से अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त के बीच लोग एक-दूसरे से गले मिलकर ईद की बधाइयां दीं। (वार्ता)