उन्होंने बताया कि जीएसटी लागू होने से प्रदेश में राजस्व बढ़ने की सम्भावना है। अगर इसकी वजह से किसी भी प्रकार राजकोष पर भार भी पड़ता है तो केन्द्र सरकार अगले पांच साल तक उसकी भरपाई कराएगी। हालांकि, पेट्रोलियम पदार्थो को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है।
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि केन्द्र सरकार ने वर्ष 2015 में एक अधिसूचना जारी की थी। उसमें जिला स्तर पर खनिज न्यास बनना था। केन्द्र ने कुछ दिशानिर्देश दिए थे, जिनमें खनन से मिलने वाली आय के बंटवारे की बात थी।
उन्होंने राज्य की पिछली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि खनन कार्य में लोगों के विस्थापन के कारण होने वाले आंदोलनों को देखते हुए केन्द्र सरकार ने नियमों में कुछ संशोधन किये थे, मगर पूर्ववर्ती सपा सरकार ने उनकी अनदेखी की।