गोपाष्टमी पर्व कैसे मनाएं, जानिए

कार्तिक शुक्ल पक्ष अष्टमी को गोपाष्टमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने गौ चारण लीला शुरू की थी। गाय को गोमाता भी कहा जाता है।
 

 
कैसे मनाएं  गोपाष्टमी पर्व  : 
 
* इस दिन प्रातः काल में उठकर नित्य कर्म से निवृत होकर स्नान आदि करते हैं।
 
* प्रातः काल में ही गायों को भी स्नान आदि कराकर गौ माता के अंग में मेहंदी, हल्दी, रंग के छापे आदि लगाकर सजाया जाता है।
 
* इस दिन बछडे़ सहित गाय की पूजा करने का विधान है। 
 
* प्रातः काल में ही धूप-दीप अक्षत, रोली, गुड़, आदि वस्त्र तथा जल से गाय का पूजन किया जाता है और आरती उतारी जाती है।
 
* इस दिन कई व्यक्ति ग्वालों को उपहार आदि देकर उनका भी पूजन करते हैं। 
 
गायों को खूब सजाया जाता है। इसके बाद गाय को चारा आदि डालकर परिक्रमा करते हैं। परिक्रमा करने के बाद कुछ दूर तक गायों के साथ चलते हैं। 

ऐसी आस्था है कि गोपाष्टमी के दिन गाय के नीचे से निकलने वालों को बड़ा पुण्य मिलता है। 

 

वेबदुनिया पर पढ़ें