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जल समाधि का धार्मिक कारण
हिंदू धर्म में यह मान्यता है कि मानव शरीर पांच तत्वों - पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश से मिलकर बना है। जल समाधि में शरीर को जल में प्रवाहित करके उसे वापस प्रकृति में विलीन कर दिया जाता है। ऐसा माना जाता है कि जल में समाधि लेने से आत्मा को शीघ्र मोक्ष की प्राप्ति होती है। जल को पवित्र और शुद्ध करने वाला तत्व माना गया है।
हिन्दू धर्म में संतों को सांसारिक मोह-माया से दूर माना जाता है। उनका जीवन तप, साधना और ईश्वर भक्ति में बीता होता है। इसलिए उनके शरीर को आम लोगों से अलग माना जाता है और उन्हें जल समाधि दी जाती है।
जल समाधि कहाँ दी जाती है?
आमतौर पर गंगा, यमुना, नर्मदा, गोदावरी जैसी पवित्र नदियों में जल समाधि दी जाती है। जल समाधि देने से पहले कुछ विशेष प्रक्रियाएं की जाती हैं। शरीर को स्नान कराकर नए वस्त्र पहनाए जाते हैं। फिर उसे नदी में प्रवाहित किया जाता है।
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जल समाधि एक धार्मिक और आध्यात्मिक प्रक्रिया है जो साधु-संतों के अंतिम संस्कार के लिए की जाती है। इसका धार्मिक कारण शरीर को पंच तत्वों में विलीन करना और मोक्ष की प्राप्ति माना जाता है।