राधा रानी के पिता वृषभानु और माता का नाम कीर्ति था। राधा जी ने अधिकतर समय वृंदावन में ही बिताया था। राधा-कृष्ण के मिलन को लेकर कई स्थानों पर अलग-अलग वर्णन है। कहा जाता है कि पहली बार राधा जी ने कृष्ण जी को तब देखा था, जब मां यशोदा ने उन्हें ओखले से बांध दिया था। कहीं-कहीं यह वर्णन भी मिलता हैं कि वे पहली बार अपने पिता वृषभानु के साथ गोकुल आई थी, तब उन्होंने कृष्ण जी को पहली बार देखा था। कुछ विद्वानों लिखते हैं कि दोनों की पहली बार मुलाकात संकेत तीर्थ पर हुई थी और वहीं दोनों प्रेम बंधन में बंध गए थे।